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अल्पसंख्यकों द्वारा किया जा रहा दलितों का उत्पीड़न, प्रशासन को चौकस रहने की जरूरत  

पटना : बिहार में पिछ्ले कुछ दिनों में अल्पसंख्यकों द्वारा दलित उत्पीड़न के मामलों में इजाफा हुआ है। अब इसी को लेकर एनडीए में शामिल भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने चिंता जाहिर की है।

1947 और पश्चिम बंगाल की घटना को किया याद

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा है कि बिहार में दलितों के विरुद्ध अल्पसंख्यकों की तरफ से जो कुछ किया जा रहा है, वह वाकई बेहद चिंताजनक है। संजय जायसवाल ने पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद वहां हुए दलितों पर अत्याचार और 1947 में आजादी के बाद पाकिस्तान के तत्कालीन दलित कानून मंत्री योगेंद्र नाथ मंडल के कहने पर दलित समाज के ऊपर बांग्लादेश में हुई हिंसा को याद किया है।

रामगढ़वा के धन गढ़वा गांव का मामला

दरअसल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और पश्चिम चंपारण से सांसद डॉक्टर संजय जयसवाल ने रामगढ़वा के धन गढ़वा गांव में दलित समाज के लोगों का रास्ता अल्पसंख्यक समाज के कुछ लोगों की तरफ से बंद किए जाने के मामले पर चिंता जताते हुए यह बात कही है।

प्रशासन को चौकस रहने की जरूरत

उन्होंने कहा है कि जब उन्हें जानकारी मिली कि दलित समाज के लोगों के रास्ते को अल्पसंख्यक समाज ने बंद कर दिया है तो मैंने इस मामले में फलनवा थाना प्रभारी से बात की और उनके साथ जिलाधिकारी ने स्वयं मौके पर जाकर इस परेशानी को दूर किया। लेकिन कुछ दिनों में इस तरह की घटनाएं काफी बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि किशनगंज और पूर्णिया जिले में ऐसे मामले काफी देखने को मिले हैं। वहां भी ऐसी ही दलितों के साथ जो अत्याचार हुआ था उस पर भी सरकार ने संज्ञान लिया और वहां दलितों को इंसाफ दिलाया लेकिन प्रशासन को चौकस रहने की जरूरत है।

पुलिस पर उठाया सवाल

संजय जायसवाल ने कहा कि बात तब और बिगड़ जाती है। जब पीड़ित दलित परिवार पुलिस से मदद मांगने जाते हैं तो उनके खिलाफ दंगे के समय सिद्धांत के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है और पुलिस अपनी जिम्मेदारी से भाग जाती है। ऐसी आधा दर्जन घटनाओं को उन्होंने ढाका के इलाके में देखा है।

जनप्रतिनिधि लें घटनाओं पर तुरंत संज्ञान

उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के द्वारा इस तरह की घटनाओं पर तुरंत संज्ञान लेकर निदान कर दिया जाता है। तो भविष्य में स्थितियां हाथ से नहीं निकलती हैं। पर जब जिला प्रशासन एक तरफ खड़ा होकर निर्दोषों को भी दंड देने के लिए कहता है। तो समाज में बहुत गलत संदेश जाता है।

जिला प्रशासन पर भी आरोप

बहरहाल , संजय जायसवाल के इस पोस्ट को देखने से यही मालूम चलता है कि वह कहना चाहते है कि जिला प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर समाज में गलत मैसेज दे रहा है। जिससे नीतीश कुमार के सुशासन वाली नीति और सबको साथ लेकर चलने वाली न्याय के सिद्धांत पर सवाल उठाए जा रहे हैं।