पटना : बिहार विधानमंडल सत्र में धान खरीद के मुद्दों पर सदन के बाहर और सदन के अंदर विपक्षी दलों द्वारा जबरदस्त हंगामा किया गया। ध्यानाकर्षण सत्र के माध्यम से विपक्ष के कई सदस्यों ने सरकार से जवाब मांगा।
धान खरीद के मुद्दों को लेकर नेता पति पत्नी श्री यादव ने कहा कि हमने किसानों के पक्ष में आवाज उठाया है। उन्होंने कहा कि धान की खरीदारी एमएसपी के रेट पर नहीं हो रही है। साथ ही तेजस्वी ने कहा कि सदन में सरकार ने कहा कि वो msp के रेट पर धान की खरीद नही कर सकती।
तेजस्वी ने कहा कि दो से ज्यादा फसलों पर msp मिले। धान की खरीद पर बड़ा घोटाला हो रहा। 11 सौ पर धान खरीद की जा रही किसानों से। बिहार सरकार किसानों को धोखा दे रही। बिहार के किसान दैन्य स्थिति में। सीएम नीतीश कुमार कृषि मंत्री को बर्खास्त करें।
वहीं सरकार के बयान को लेकर कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा कि सरकार यह कैसे कह सकती है कि msp के रेट पर धान की खरीद नहीं हो सकती है? उन्होंने कहा कि अगर यह सच है तो कृषि मंत्री को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
वहीं राजद के नेता राकेश रोशन ने कहा कि सरकार किसानों से धान सरदारी नहीं करना चाह रही है। अभी काफी संख्या में किसानों के धान की बिक्री नहीं हो पाई है। लेकिन सरकार ने धान की खरीदारी बंद कर दी है। उन्होंने कहा कि बक्सर इसका सबसे जीता जागता उदाहरण है।बक्सर में 65 फ़ीसदी किसान हैं वह धान नहीं बेच पाए हैं।
सरकार ने msp पर खरीदा धान
वहीं इसको लेकर बिहार सरकार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप ने कहा कि सरकार ने धान की खरीद msp पर ही कि है। सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए साढ़े 35 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई। 21 फरवरी के बाद धान की खरीद नही होगी। क्योंकि धान अब किसानों के पास नही है बल्कि अब धान बिचौलियों के पास हैं। विपक्ष चाहता है धान का पैसा अब बिचौलियों के पास जाए।
जानकारी हो कि धान खरीद के मुद्दे को लेकर राजद, कांग्रेस के सदस्य लगातार उठा रहे हैं और सरकार पर कई तरह के आरोप भी लगा रहे हैं। राजद के सदस्यों ने कहा कि बिहार में किसानों के पास धान है और हर साल 31 मार्च तक धान की खरीदारी होती रही है, लेकिन इस बार सरकार 21 फरवरी तक ही धान खरीदी है यह सरासर ग़लत है।