किसान आंदोलन पर मोदी को दे रहे थे ज्ञान, अब PM ट्रूडो ने खुद अपने मुंह पर पोत ली कालिख
नयी दिल्ली : भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त खालिस्तानी संगठनों पर नरम और किसान आंदोलन पर मोदी सरकार को ज्ञान देने वाले जस्टिन ट्रूडो की सारी हेकड़ी गायब हो गई है। कनाडा के ट्रक ड्राइवरों और अन्य लोगों के आंदोलन ने उन्हें दिन में तारे दिखा दिये। अब मानवाधिकार आदि पर भारत को आईना दिखाते—दिखाते इस कनाडाई पीएम ने खुद अपने ही मुंह पर कालिख पोत ली तथा समूचे कनाडा में आपातकाल लगा दिया।
कनाडा में लगाया आपातकाल
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ऐलान किया कि उन्होंने कोविड-19 प्रतिबंधों के विरोध में ओटावा को पंगु बनाने वाले और सीमा पार यातायात को बाधित करने वाले ट्रक ड्राइवरों और अन्य लोगों के प्रदर्शन से निपटने के लिए मुझे आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करना पड़ा।
खलिस्तानी आतंकियों पर नरम रुख
प्रदर्शनकारियों ने ट्रुडो को इस कदर परेशान कर रखा है कि अब वे पूरे देश में सेना बुलाने पर विचार कर रहे हैं। जैसे भारत में किसानों ने किया था, ठीक उसी तरह ट्रकों और अन्य वाहनों में हजारों प्रदर्शनकारियों ने कनाडा की राजधानी ओटावा की सड़कों को पिछले दो सप्ताह से बाधित कर रखा है। ये प्रदर्शनकारी कोविड-19 टीका लगवाने की अनिवार्यता और महामारी के कारण लागू अन्य प्रतिबंधों का विरोध कर रहे हैं।
जानें किसान आंदोलन पर क्या कहा था
ये वही कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो हैं जिन्होंने भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन के समय मोदी सरकार पर तीखा जहर उगला था। तब ट्रूडो ने कहा था—‘अगर मैं किसानों के विरोध के बारे में भारत से आने वाली खबरों पर अपनी बात न रखता हूं तो मुझे खेद होगा। स्थिति चिंताजनक है। हम सभी परिवार और दोस्तों को लेकर बहुत चिंतित हैं। हम जानते हैं कि यह आप में से कई लोगों के लिए एक वास्तविकता है। मैं आपको याद दिला दूं, शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा’।