नीतीश के मिशन-24′ पर उन्हीं के शिक्षा विभाग ने फोड़ा कश्मीर वाला बम, जानें कैसे?

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पटना : जदयू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘मिशन—2024’ वाले सपने को उन्हीं के शिक्षा विभाग ने जबर्दस्त पलीता लगा दिया। सरकारी स्कूलों की 7वीं कक्षा की परीक्षा में कश्मीर पर पूछे गए प्रश्न ने उनके देश का प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब को चकनाचूर करते हुए सियासी बवंडर का रूप ले लिया। भाजपा ने तो यहां तक कह दिया कि नीतीश कुमार और उनकी सरकार बच्चों में अलगाववादी मानसिकता का पोषण कर भारत को तोड़ने के एजेंडे पर चल रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि नीतीश कुमार भाजपा और मोदी विरोध तो करें, लेकिन इसके लिए देश तोड़ने की बात नहीं करें वरना जनता समझा देगी।

7वीं की परीक्षा में कश्मीर को भारत से अलग करने वाला प्रश्न

दरअसल सीमांचल के जिले किशनगंज में हाल ही में कक्षा 7 के अंग्रेजी के पेपर में कश्मीर को लेकर एक विवादित प्रश्न पूछा गया। पेपर में लिखा था कि चीन में रहने वाले को चायनीज तो नेपाल, इग्लैंड, भारत और कश्मीर में रहने वाले को क्या कहेंगे? इसमें कश्मीर को अलग देश बताते हुए बच्चों से प्रश्न पूछा गया था। हद तो यह कि 2017 में भी यह सवाल पूछा गया था। तब जब आवाज उठाई गई तो कार्रवाई की बात कह तब की नीतीश सरकार ने मामला रफा दफा कर दिया। इसपर आज तक सवाल सेट करने वाले अपराधी अफसरों पर कार्रवाई नहीं हुई।

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भाजपा ने जदयू के गजवा-ए-हिंद एजेंडे की खोली पोल

अब यही प्रश्न एक बार फिर सरकारी स्कूलों की 7वीं की अर्धवार्षिक परीक्षा में पूछा गया है। राज्य भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि यह शर्जिल इमाम के एजेंडे पर चिकन नेक को उत्तर—पूर्व भारत से अलग करने की साजिश जैसा ही कश्मीर को भारत से अलग करने जैसा एजेंडा है। जायसवाल ने कहा कि सीमांचल के बच्चों से ऐसा प्रश्न पूछने की मानसिकता का बीजेपी समूचे भारत और बिहार में कदम-कदम पर पोल खोलेगी। भाजयुमो इसको लेकर समूचे बिहार में प्रदर्शन करेगा। उन्होंने सीएम नीतीश पर आरोप लगाया कि वे शिक्षा सचिव व प्रधान सचिव की मिलीभगत से गजवा-ए-हिन्द पर भी प्रश्न सेट करवा सकते हैं। बस किसी तरह उन्हें देश का प्रधानमंत्री बना दिया जाए।

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