पूर्वी चंपारण : पिछले कई दिनों से लुका—छिपी का खेल रहे मौसम ने मंगलवार को अचानक करवट ले लिया। अहले सुबह तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हुई और ओले भी पड़ने लगे। देखते—देखते खेत, खलिहान, सड़क व बगीचों में ओलों की सफेद चादर बिछ गई। भारी ओलावृष्टि के कारण पूर्वी चंपारण जिले के दर्जनभर गांव में लाखों की फसल नष्ट हो गई। जिले के मधुबन, फेनहारा, पताही व ढाका प्रखंड में भारी बारिश और ओलावृष्टि से गेंहू, दलहन समेत रबी के कई फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा है। किसान मायूस हैं।
फेनहारा प्रखंड के किसान प्रताप विक्रम ने दूरभाष पर बताया कि शुरू में ओले पड़े, तो लगा कि सामान्य बात है। लेकिन, देखते—देखते भारी व बड़े के आकर के ओले पड़ने लगे। ऐसी भारी ओलावृष्टि पिछले 30—40 साल में नहीं हुई थी। गेंहू की तैयार फसल नष्ट हो गई। कई गांवों में लोगों के छप्पर के घर टूट गए। ओलावृष्टि इतनी भयानक हुई है कि खुले में रखे गए अनाज बर्बाद हो गए हैं। चारों ओर ओलो की सफेदी छायी हुई है।
आसपास के इलाके में भारी ओलावृष्टि से जनजीवन प्रभावित हुआ है। स्कूल बंद हैं। सड़कों पर लोगों की आवाजाही अत्यंत कम हो रही है। उधर, प्रशासन ने ओलावृष्टि के कारण हुई क्षति के आकलन के लिए पदाधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने को कहा है। मिल रही सूचना के अनुसार, प्रखंडों के अधिकारी नष्ट हुए फसलों को देख रहे हैं। हालांकि, इसकी क्षतिपूर्ति कैसे की जाएगी, इस बारे कोई भी सूचना नहीं है।