पटना : विपक्षी एकता की मुहिम में रेस लगा रहे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गाड़ी ओडिशा में अटकती प्रतीत हो रही है। यहां सीएम नवीन पटनायक से मुलाकात के बाद नीतीश को मीडिया के सामने कहना पड़ा कि वे ओडिशा किसी राजनीतिक मकसद से नहीं, बल्कि घूमने के लिए और अपने पुराने दोस्त से मिलने के लिए आए हैं। स्पष्ट है कि नवीन पटनायक ने किसी भी मोर्चे का हिस्सा होने में कोई रुचि नहीं दिखाई।
विपक्षी एकता के सामने स्पीड ब्रेकर!
नीतीश कुमार एनडीए से अलग होने और राजद संग महागठबंधन सरकार बनाने के बाद लगातार विपक्षी एकता के लिए देश के अलग-अलग नेताओं से मिल रहे हैं। मकसद एक ही कि किस तरह सबको एक साथ लाया जाए और पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ 2024 में लड़ाई लड़ी जाए। कांग्रेस के राहुल गांधी, दिल्ली सीएम केजरीवाल, बंगाल सीएम ममता बनर्जी और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद अब नीतीश अपने इसी मुहिम पर आज भुवनेश्वर पहुंचे और नवीन पटनायक से मिले।
नीतीश और पटनायक का अलग-अलग रुख
मुलाकात और बातचीत के बाद नीतीश कुमार और ओडिशा सीएम नवीन पटनायक संयुक्त रूप से प्रेस के सामने आए। नीतीश कुमार ने बताया कि हम लोगों का पुराना रिश्ता है और विपक्षी एकजुटता में सीएम नवीन पटनायक ने शामिल होने की हामी भरी है। नीतीश ने मीडिया के सामने यह दिखाने की कोशिश की कि नवीन पटनायक उनके साथ विपक्षी एकता में शामिल होने के लिए तैयार हो गए हैं। लेकिन अगले ही पल नवीन पटनायक ने नीतीश की बात काट दी और उनके बयान के बिल्कुल उलट बयान दिया। नवीन पटनायक ने कहा कि हम पुराने दोस्त जरूर हैं। लेकिन किसी भी तरह के गठबंधन के बारे में कोई बात नहीं हुई है। मतलब साफ कि नीतीश की मुहिम को पटनायक ने पटरी से उतार दिया।
नवीन पटनायक का टका सा जवाब
नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद नवीन पटनायक ने ट्विटर पर भी लिखा कि बिहार के सीएम नीतीश से मिलकर अच्छा लगा। सभी पड़ोसी राज्यों से ओडिशा का अच्छा संबंध है। उम्मीद है कि नीतीश कुमार का ओडिशा आना सुखद और फायदेमंद रहा होगा। ओडिशा सीएम के इस ठंडे जवाब के पीछे यह तर्क माना जा रहा है कि नवीन पटनायक किसी भी विपक्षी गुटबाजी में जाना पसंद नहीं करते। उनके संबंध मौजूद केंद्र सरकार समेत सभी पार्टी के नेताओं से अच्छे हैं।