न्याय के मंदिर ने दिखाया रास्ता, पीएम मोदी और सीएम नीतीश ने फैसला सराहा

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नयी दिल्ली/पटना : दशकों पुराने अयोध्या मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले को देशभर में सभी वर्गों ने सराहा। विवादित जमीन रामलला विराजमान को देने के आदेश तथा मस्जिद निर्माण हेतु सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में कहीं भी पांच एकड़ जमीन देने के फैसले का विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी स्वागत किया।

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राम भक्ति हो या रहिम भक्ति, भारत भक्ति सर्वोपरि : पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जनसामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को इस मौके पर शांति और संयम का परिचय देना है। पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है। यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है। हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि रामभक्ति हो या रहीम भक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।

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फैसला स्वागत योग्य, सौहार्द कायम रखें : नीतीश कुमार

देश में अब तक के सबसे बड़े केस अयोध्या विवाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसले को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सराहा है। पटना में सीएम नीतीश ने कहा कि अयोध्या पर SC का जो भी फैसला है, उसका सम्मान होना चाहिए। इस मसले को लेकर समाज में सौहार्द कायम रहना चाहिए। अब कोर्ट का फैसला आ गया है जो सबके सिर—माथे पर होना चाहिए। किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं हो इसके लिए हम सभी को सजग रहने के साथ ही समझ भी बनाये रखनी होगी।

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