कटिहार : एनआरसी को लेकर बिहार में राजनीति गर्माने लगी है। अभी तक इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ जदयू का कोई क्लियर स्टैंड सामने नहीं आया है, लेकिन पार्टी के कतिपय नेताओं ने हाथ—पांव मारने शुरू कर दिये हैं। ऐसे नेताओं में एक तो पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर हैं जिन्होंने एनआरसी के खिलाफ बयान दिया है। दूसरे नेता हैं, कटिहार के जदयू सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी।
दुलाल और पीके ने एनआरसी पर ठोंकी ताल
प्रशांत किशोर के एनआरसी पर दिये बयान को अभी तक आधिकारिक नहीं माना जा रहा क्योंकि वे ऐसा बंगाल में अपनी दुकानदारी को लेकर कह रहे हो सकते हैं। लेकिन जदयू नेता और कटिहार के सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी ने एनआरसी पर जो कहा वह काफी चौंकाने वाला है।
भाजपा में थे तो किया था बांग्लादेशियों का विरोध
दुलाल चंद्र गोस्वामी के अनुसार कटिहार जिले में कोई भी घुसपैठिया नहीं है। सभी बिहारी हैं। साफ है कि श्री गोस्वामी की नजर उन वोटरों पर है जिनके यहां होने का फायदा उनको मिलने की उम्मीद है। फिर चाहे वह विदेशी ही क्यों न हो। मतलब, राजनीति के लिए यदि देश को बंधक रखना पड़े तो इससे भी उन जैसे नेताओं को कोई गुरेज नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये वही दुलाल चंद्र गोस्वामी हैं जो पहले कटिहार में विदेशी नागरिकों के होने के मुद्दे पर तकरीबन रोजाना धरना—प्रदर्शन किया करते थे। उस वक्त वे भाजपा में थे। लेकिन अब वे जदयू में हैं। पार्टी बदली तो देशहित भी बदल गया। अब वे उन्हीं विदेशी घुसपैठियों के वोट पर नजरें गड़ाए एनआरसी के खिलाफ बयान दे रहे हैं।
बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष ने दुलाल पर साधा निशाना
दुलाल चंद्र गोस्वामी के इस ‘डबल स्टैंडर्ड’ राजनीति की घोर निंदा करते हुए कटिहार के पूर्व विधान पार्षद सह भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष राजवंशी सिंह ने कहा कि वर्तमान सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी 90 के दशक में उनके साथ भारतीय जनता पार्टी में कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे थे। तब वर्तमान सांसद आगे बढ़कर इन बांग्लादेशियों की मुखालफत करते थे। लेकिन अब वे शायद इस बात को भूल गए हैं सीमांचल का यह क्षेत्र बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण देश की सुरक्षा के लिए काफी संवेदनशील बन गया है। सांसद दुलाल चंद्र गोस्वामी जब से जदयू में गए हैं तब से उनके सुर राजनीतिक रोटी सेंकने के चक्कर में बदल गए हैं। राजवंशी सिंह ने कहा कि भले ही दल बदल लिया हो लेकिन जहां देश की बात आती है, दुलाल हों या कोई भी देशवासी, गद्दारों को जनता खूब पहचानती है। श्री राजवंशी ने कहा कि जदयू अपनी मानसिकता को साफ करे। अगर केवल राजनीतिक लाभ ही सर्वोपरि है तो फिर देश की जनता उन्हें सबक सीखा देगी। 2014 में बिना भारतीय जनता पार्टी के समर्थन के जदयू ने लोकसभा चुनाव लड़ा था। लेकिन केवल 2 सीटों पर सिमट गई थी। इस बार भाजपा के साथ उनकी संख्या 17 तक हो चुकी है। लेकिन दुलाल चंद्र गोस्वामी जैसे नेताओं की सलाह पर अगर जदयू राष्टहित से समझौता करेगी तो आने वाले चुनाव में जनता उसे उसी के हिसाब से जवाब देगी।