पटना के लोगों को अब निचोड़ने लगी नींबू, महंगाई ने दांत किये खट्टे

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नयी दिल्ली/पटना : पहले पेट्रोल डिजल, फिर सीएनजी—एलपीजी, और अब सब्जियों ने पटना के लोगों को इस भीषण गर्मी में सर्द ठंडी का अहसास कराना शुरू कर दिया है। यहां तक कि आम उपभोग की नींबू भी पटना वासियों को निचोड़ने में पीछे नहीं। जो नींबू पहले 10 रूपये में चार पीस तक सहज मिल जाया करती थी, आज वह 15 से 20 रुपये प्रति पीस मिल रही है। वहीं थोक में जो नींबू पटना में 50—70 रुपये प्रति किलो मिल जाया करती थी, वह आज 179 से लेकर 250 रुपये प्रति किलो तक मिल रही है।

बढ़ती तेल कीमतों का दिखने लगा असर

राजधानी की मीठापुर सब्जी मंडी हो या अंटाघाट या फिर राजेंद्रनगर और मुस्सलहपुर हाट सब्जीमंडी, सभी जगह तरकारी के दाम आसमान पर हैं। बताया जाता है कि पेट्रोल/डीजल के रेट में बढ़ोतरी, रूस—यूक्रेन युद्ध का परोक्ष असर इस महंगाई की मुख्य वजह है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, गुजरात और तेलंगाना में बड़ी संख्या में नींबू की पैदावार होती है। लेकिन यहां पर तूफान आने के कारण नींबू की फसलें नष्ट हो गईं, जिससे नींबू की पैदावार में कमी हुई। यह भी बिहार समेत पूरे देश में नींबू के दाम बढ़ने का एक प्रमुख कारण है।

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कम पैदावार और यूक्रेन युद्ध से मूल्यवृद्धि

पटना में ​नींबू के अलावा फल और सब्जी के साथ मुफ्त मिल जाने वाली हरी मिर्च भी काफी तीखी होकर 100—150 रुपये प्रति किलो से भी ऊपर बिक रही है। बता दें कि 21 मार्च से ही पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो रही है। इसका सीधा असर सब्जियों और हमारे खाने के बिल पर भी पड़ रहा है। पिछले 18 दिनों में पेट्रोल-डीजल के दामों में 10 रुपए से अधिक की बढ़ोतरी हुई है जबकि 5 रुपए से अधिक सीएनजी के दाम भी बढ़ चुके हैं। सरकार ने बढ़ती महंगाई के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध को जिम्मेदार ठहराया है।

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