अब गार्ड बाबू नहीं, ट्रेन मैनेजर कहलायेंगे रेलगाड़ी को हरी झंडी दिखाने वाले कर्मी
नयी दिल्ली : भारतीय रेल की सबसे पिछली बोगी से ट्रेन को हरी और लाल झंडी दिखाने वाले रेलवे के गार्ड अब ‘ट्रेन मैनेजर’ कहलाएंगे। उनका काम और वेतनमान पहले जैसा ही रहेगा, लेकिन अब उन्हें ट्रेन मैनेजर के पदनाम से जाना जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी किया है। कहा गया है कि यह कदम रेल कर्मचारी संघों की लंबे समय से मांग के आलोक में उठाया गया है।
कर्मचारी संघ की मांग पर रेलवे बोर्ड का फैसला
रेल कर्मचारी संघों की लंबे समय से मांग थी कि ट्रेन के सुरक्षित परिचालन के प्रभारी गार्ड के पदनाम में बदलाव किया जाए। इसके अनुसार गार्ड को अब ट्रेन मैनेजर तो असिस्टेंट गार्ड को असिस्टेंट पैसेंजर ट्रेन मैनेजर कहा जाएगा।
पुरानी छवि को कॉरपोरेट छवि में बदल रहा रेलवे
बताया जाता है कि रेलवे अपनी मौजूदा छवि को कॉरपोरेट छवि में बदलने की ओर अग्रसर है। निजी कंपनियों को भी अब ट्रेनों के संचालन की अनुमति देने की योजना पर काम हो रहा है। रेलवे के आधुनिकीकरण को देखते हुए भी नामकरण में बदलाव को लिया जा रहा है। चूंकि ट्रेनों के गार्ड अपनी-अपनी ट्रेनों के प्रभारी होते हैं, इसलिए उनके इस पुराने पदनाम को कॉरपोरेट दुनिया के अनुरूप किया गया है। कहा गया कि बिना किसी वित्तीय प्रभाव के यह गार्ड के लिए एक सम्मानजनक पदनाम होगा।