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सरकारी शिक्षकों के लिए नहीं कोई ड्रेस कोड, स्वविवेक से लें निर्णय, बच्चों पर न पड़े असर

पटना : बिहार के सरकारी शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू करने के आदेश को लेकर अब विवाद शुरू हो गया है। विभिन्न शिक्षक संगठनों द्वारा इसका बड़े पैमाने पर विरोध किया जा रहा है। इसके बाद खुद बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने भी एतराज जाहिर की है। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि राज्य में अबतक सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को लेकर कोई ड्रेस कोड जारी नहीं हुई है।

दरअसल, शुक्रवार को वैशाली के जिला शिक्षा पदाधिकारी के तरफ से आदेश जारी किया गया था जिसमें कहा गया था कि जिले के सभी शिक्षक फॉर्मल ड्रेस में ही शैक्षणिक गतिविधियों को अंजाम देंगे जिसके बाद इस आदेश का विरोध शुरू हो गया था। लेकिन, अब इस मामले में शिक्षा विभाग ने वैशाली के जिला शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र नारायण से इस मामले में जवाब मांगा है। वहीं शिक्षा मंत्री का बयान आने के बाद खुद जिला शिक्षा अधिकारी बिरेंद्र नारायण ने अपने पुराने आदेश को रद्द करने का आदेश भी जारी कर दिया है।

सरकार की ओर से शिक्षकों को लेकर कोई ड्रेस कोड नहीं लागू

चौधरी ने सीधे तौर पर कहा कि सरकार की ओर से शिक्षकों को लेकर कोई ड्रेस कोड नहीं लागू किया गया है। हालांकि उन्होंने बिहार सरकारी स्कूल के शिक्षकों से अपील की कि जब वह स्कूल जाते हैं तो खुद के विवेक से कपड़े पहने लेकिन एक बार इस बात का जरूर ध्यान रखें कि उनके पहनावे और रहन-सहन का विद्यार्थियों पर क्या असर होगा इसलिए उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर यह सलाह दी है कि सभी शिक्षक शालीन पहनावा रखें।

मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के बच्चे शिक्षकों की किताब शिक्षा से काफी कुछ सीखते हैं। यहां शिक्षकों द्वारा ही बच्चों को उठने, बैठने, बोलने और पहनावे आदि की जानकारी दी जाती है। ऐसे में बच्चों को किसी चीज के लिए प्रेरित करने के लिए शिक्षकों को भी खुद उस आचरण को निभाना होगा।

गौरतलब है कि इससे पहले वैशाली के नए जिला शिक्षा पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण ने आदेश जारी कर कहा था कि शिक्षकों को फॉर्मल पैंट या फूल या हाफ शर्ट में स्कूल आना चाहिए। उन्होंने कहा था कि आए दिन इंटरनेट मीडिया में स्कूल के पठन-पाठन की अवधि में शिक्षकों के कुर्ता पजामा जींस शर्ट पहन कर आने का वीडियो वायरल हो रहा है जिससे टीचरों की नकारात्मक छवि प्रदर्शित होती है। इस कारण अब शिक्षक फॉर्मल ड्रेस में ही शैक्षणिक गतिविधियों को अंजाम दें।