पटना : शराबबंदी कानून को नीतीश कुमार के अपने विधायक ने ही बकवास करार देकर पूरी तरह खारिज कर दिया। आज मंगलवार को जदयू विधायक संजीव सिंह ने नीतीश के शराबबंदी कानून को अत्याचारी कानून बताते हुए कहा कि यह कानून दलितों और महादलितों के शोषण और उनपर जुल्म का जरिया बन गया है। इस कानून के तहत चार लाख लोगों पर केस दर्ज हुआ और जेल भेजा गया। चौंकाने वाली बात ये है कि जेल जाने वालों में से 90% दलित, महादलित और गरीब थे। इन लोगों को पुलिस ने जानबूझकर शराबबंदी कानून में जेल भेजा। यह उनपर अत्याचार नहीं तो और क्या है।
दलितों और गरीबों के शोषण का जरिया
जदयू विधायक ने अपनी ही सरकार और अपने नेता के शराबबंदी कानून का बचाव भी किया। उन्होंने कहा कि इस कानून को पुलिस वाले ही फेल कराने पर लगे हुए हैं। आए दिन राज्य भर से शराब मिलने और जहरीली शराब से मौत की खबरें आती हैं। मतलब कि पुलिस इसे किस तरह लागू कर रही है कि उनके इलाके से ऐसी खबरें रोज रिपोर्ट होती हैं जबकि राज्य में 6 साल से शराबबंदी कानून लागू है। इसके तहत गरीबों पर लगने वाले जुर्माने में भी भेदभाव है जिससे गरीब पैसे नहीं अदा कर पाते और जेल भेज दिये जाते हैं।