पटना : बिहार की सत्ता रूढ़ पार्टी जदयू में चल रही शह – मात के खेल में एक और बड़ी चाल निकल कर सामने आई है। इस बार पार्टी ने अपने ही कद्दवार नेता के ऊपर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगाया है।
दरअसल, कभी जदयू में नीतीश कुमार के बाद दूसरा सबसे बड़ा चेहरा माने जाने वाले आरसीपी सिंह को पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने नोटिस भेजा है। इस नोटिस में कहा गया है कि उनके परिवार के नाम पिछले 9 साल में 58 प्लॉट की रजिस्ट्री हुई है। यानि कुल 40 बीघा की जमीन की खरीदी हुई। इसमें भ्रष्टाचार की झलक आ रही है ऐसे में आप बताइए कितनी संपत्ति आपने कहां से अर्जित की है।
सबसे बड़ी बात यह है कि जदयू के मौजूदा बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को तत्कालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया था जबकि उस समय कुशवाहा योग्यता और वरीयता जैसे पैमानों पर कहीं भी सटीक नहीं थे। अब वहीं उमेश कुशवाहा ने आर्थिक पी सिंह को ही नोटिस भेजा है।
नीतीश कुमार के साथ अधिकारी एवं राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में किया है काम
कुशवाहा ने अपने पत्र में कहा कि पार्टी के दो कार्यकर्ताओं का सबूत के साथ आवेदन मिला है। जिसमें यह उल्लेख किया गया है कि आपके और आपके परिवार के नाम से 2013 से 2022 तक अकूत अचल संपत्ति का निबंधन कराया गया है। जिसमें कई प्रकार की अनियमितताएं प्रतीत होती है। आप लंबे समय से दल के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के साथ अधिकारी एवं राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं। आपको मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो बार राज्यसभा का सदस्य पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केंद्र मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर दिया है। आपको विश्वास और भरोसा के साथ आपको जिम्मेदारी दी गई है।
इसके आगे पत्र में लिखा गया है कि आप इस तथ्य से भी अवगत हैं कि हमारे नेता नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस पर काम करते हैं इतने लंबे सार्वजनिक जीवन के बाद भी हमारे नेता पर कहीं कोई दाग नहीं लगा और ना ही उन्होंने कोई संपत्ति बनाई। ऐसे में आप से भी यह अपेक्षा की जाती है कि परिवारवाद के बिंदुओं पर अपनी स्पष्ट राय से पार्टी को तत्काल अवगत कराएं। उमेश कुशवाहा ने आरसीपी सिंह को परिवारवाद की प्रति और सबूतों के साथ 4 अगस्त को यह पत्र भेजा है। हालांकि, अभी तक इस मामले में आरसीपी सिंह की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है।