पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एनडीए में शामिल सबसे बड़े दल भाजपा से चल रही नाराजगी कम होती हुई नहीं दिख रही है। इसका एक और सबूत अब जो निकल कर सामने आ रहा है, वह है कि नीतीश कुमार ने पीएम मोदी द्वारा बुलाए गए बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया है।
दरअसल, देश के प्रधानमंत्री आगामी 8 अगस्त को नीति आयोग की बैठक करने वाले हैं। इसको लेकर उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्री को दिल्ली बुलाया है लेकिन, अब यह सूचना आ रही है कि इस बैठक में शामिल होने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नई दिल्ली जाने से इंकार कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर कहा है कि वह अभी हाल ही में कोरोना से उठने हैं इसलिए वह इस बैठक में शामिल होने दिल्ली नहीं जाएंगे। बल्कि, उनकी जगह इस बैठक में शामिल होने के लिए बिहार के उपमुख्यमंत्री और बिहार भाजपा के नेता तारकिशोर प्रसाद दिल्ली जाएंगे। हालांकि, केंद्र सरकार के तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से स्पष्ट तौर पर यह कहा गया है कि इस बैठक में केवल मुख्यमंत्री कौन शामिल होना है ऐसे में तारकिशोर को लेकर थोड़ी दिक्कत हो सकती है।
नीतीश कुमार फिलहाल पूरी तरह से स्वस्थ नहीं
इधर सीएम नीतीश के इस बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर अब राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। जहां सत्तारूढ़ पार्टी का कहना है कि नीतीश कुमार फिलहाल पूरी तरह से स्वस्थ नहीं है इसलिए वह नहीं जाना चाहते हैं। वही कुछ लोगों का यह भी कहना है कि 8 अगस्त का दिन सोमवार का दिन है इस कारण सीएम नीतीश कुमार जनता दरबार में शामिल होंगे यही वजह है कि वह पीएम मोदी के साथ होने वाली बैठक में शामिल होने नहीं जाएंगे।
नीतीश को दखलअंदाजी पसंद नहीं
जबकि इस पुरे मामले को लेकर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार द्वारा यह नीतीश की एक सोची समझी राजनीतिक रणनीति है। जदयू अब भाजपा को यह संदेश देना चाहती है कि वह बिहार के मामले में केंद्र की भाजपा द्वारा की जा रही दखलअंदाजी को पसंद नहीं करते है, इसलिए पिछले कुछ दिनों से नीतीश ने भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करना उचित नहीं समझा है। साथ ही साथ जदयू मौके की ताक में लगी हुई है की आखिर इसको एक मौका मिले और इसे भूनाकर वह भाजपा पर हमलावर हो सके।
नीति आयोग की रैंकिंग के अनुसार बिहार काफी पीछे
वहीं, इस मामले में राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नीति आयोग की रैंकिंग के अनुसार बिहार को काफी पीछे रखा जाता है सीएम नीतीश कुमार इसको लेकर काफी नाराज रहते हैं। शायद यही बचा है कि वह पीएम मोदी के साथ होने वाली बैठक में शामिल नहीं होना चाहता।
गौरतलब हो कि, ऐसा पहली बार नहीं है कि जब नीतीश कुमार ने आज पहली भाजपा से दूरी दिखाइए, बल्कि वह पिछले दो से तीन महिनों से अपनी नराजगी दिखा रहे हैं। इससे पहले भी उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के विदाई और सम्मान समारोह से दूरी बना ली थी उसके बाद जब बड़ी आई नए राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह की तो उसमें भी नीतीश कुमार नहीं हुए। इसके बाद जब के दो बड़े नेता बिहार दौरे पर आने वाले थे तब दुर्भाग्यवश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना संक्रमित हो गए।