नार्थ-ईस्ट में नीतीश-तेजस्वी ढेर, चिराग ने मारी बाजी
पटना/नयी दिल्ली : आज गुरुवार को उत्तरपूर्व राज्यों के चुनावी नतीजों में जहां भाजपा की अगुवाई में एनडीए ने रिकार्ड जीत दर्ज की, वहीं बिहार में भी सियासी धड़कनें तेज हो गईं। एक तरह से उत्तर पूर्व का यह चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले का लिटमस टेस्ट था जिसमें बिहार की सियासत भी अपने दांव आजमा रही थी। नगालैंड में बिहार की तीन प्रमुख पार्टियों—जदयू, राजद और चिराग की लोजपा ने अपने—अपने उम्मीदवार उतारे। लेकिन नीतीश और तेजस्वी यादव की पार्टी तो नतीजों में ढेर हो गई, लेकिन एक सीट पर जीत दर्ज कर चिराग पासवान ने बाजी मार ली।
जदयू की 20 वर्षों से उपस्थिति, मगर मिली हार
नगालैंड में जदयू के करीब 7 विधायक पिछला चुनाव जीते थे। इसबर भी नीतीश की जदयू ने यहां उम्मीदवार उतारा। लेकिन आज हुई काउंटिंग में जदयू को एक भी सीट पर कामयाबी नहीं मिली और नीतीश की पार्टी सभी सीटों पर चुनाव हार गई। हालांकि जदयू को शुरू में दो—तीन सीटों पर प्रारंभिक काउंटिंग में बढ़त मिली लेकिन तीन—चार राउंड के बाद वे तीसरे—चौथे नंबर पर चले गए। तेजस्वी की पार्टी राजद का तो और भी बुरा हाल इस चुनाव में हुआ। राजद के किसी भी उम्मीदवार को नागालैंड में किसी भी सीट पर जीत तो दूर बढ़त तक नहीं मिली।
चिराग ने खोला खाता, तेजस्वी भी हो गए धड़ाम
उत्तर पूर्व के चुनाव में सिर्फ चिराग की पार्टी ही एकमात्र बिहारी सियासी पार्टी रही जिसने जीत दर्ज की। चिराग की पार्टी लोजपा (रामविलास) ने नागालैंड की पुघोबोटो सीट पर विजय का परचम लहराया। यहां पार्टी के सुखतो ए सेमा ने एनडीपीपी केवाई विखेहो स्वू को 850 मतों से हराया। इसके अलाव चिराग की पार्टी कई अन्य सीटों पर भी बढ़त बनाने में कामयाब रही लेकिन अंतत: उसे इन सीटों पर नंबर दो से संतोष करना पड़ा। मालूम हो कि नागालैंड में नीतीश की पार्टी जदयू पिछले करीब 20 साल से अपने विधायक जीतवाती रही है। लेकिन इसबार जदयू के हाथ कुछ नहीं लगा।