पटना : भाजपा एमएलसी संजय पासवान ने जदयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार को दिल्ली की राजनीति करने की नसीहत देकर सियासी भूचाल को जन्म दे दिया है। संजय पासवान ने बीते दिन कहा कि नीतीश जी पिछले 15 साल से बिहार के सीएम हैं। अब उन्हें सीएम की कुर्सी भाजपा के लिए खाली कर देनी चाहिए। उन्होंने नीतीश कुमार को केंद्र में अपनी बड़ी भूमिका निभाने की सलाह दे डाली। लेकिन संजय पासवान की यह नसीहत जदयू खेमे को रास नहीं आई। उन्होंने भी पलटवार किया और संजय पसवान को मानसिक रूप से बीमार बता दिया। वहीं जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने भाजपा को चेताया कि नीतीश कुमार उसके रहमोकरम पर सीएम नहीं बने हैं। ऐसा बयान एनडीए की सेहत के लिए ठीक नहीं है।
‘सियासी बम’ पर जदयू का पलटवार
केसी त्यागी ने कहा कि बयानवीर नेता अपने बड़बोलेपन से बचें। ऐसे बयानों से एनडीए की चुनावी रणनीतियां कमजोर हो जाऐंगी। अगले वर्ष विधानसभा चुनाव हैं। नीतीश कुमार बिहार में एनडीए का चेहरा हैं। लेकिन ऐसे बयानों से वोटरों में भ्रम पैदा होगा जो एनडीए की सेहत के लिए ठीक नहीं होगा। उधर जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि श्री पासवान कई दलों की परिक्रमा करके भाजपा में आए हैं। बिना नीतीश जी के 2015 में भाजपा का क्या हश्र हुआ था, यह याद रखें।
इधर कांग्रेस ने भी संजय पासवान के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एनडीए में हिटलरशाही का युग आ गया है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को आज न कल बीजेपी से अलग होना ही पड़ेगा। अगर थोड़ा भी आत्मसम्मान उनमें है तो उन्हें शीघ्र एनडीए छोड़ देना चाहिए।