पटना : चमकी बुखार से बिहार में मरने वाले बच्चों की संख्या 125 से ऊपर पहुंच गई है। 17 दिन पहले शुरू हुआ यह सिलसिला अभी थमा नहीं, बल्कि रोज—रोज इसमें इजाफा होता जा रहा है। ऐसी स्थिति में भी राज्य सरकार किस कदर लापरवाह बनी रही, इसका उदाहरण हमें तब देखने को मिला जब इस मामले पर 17 दिन की नींद के बाद जागे सीएम नीतीश कुमार आज मंगलवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे। देर से जागी सरकार पर सियासी हमला करते हुए बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और राजद नेत्री राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार के स्वास्थ्य विभाग को ही इंसेफेलाइटिस यानी दिमागी बुखार हो गया है। गरीबों के 1000 से ज़्यादा मासूम बच्चों की चमकी बुखार के बहाने हत्या की गई, और आंकड़ों में सौ—सवा सौ बताया जा रहा है।
एनडीए सरकार की घोर लापरवाही, कुव्यवस्था सीएम की महामारी को लेकर अनुत्तरदायी, असंवेदनशील और अमानवीय अप्रोच, लचर व भ्रष्ट व्यवस्था, स्वास्थ्य मंत्री के ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार एवं भ्रष्ट आचरण के कारण ग़रीबों के 1000 से ज़्यादा मासूम बच्चों की चमकी बुखार के बहाने हत्या की गयी है।
— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) June 18, 2019
स्वास्थ्य विभाग के हुआ दिमागी बुखार, खुद आईसीयू में
राबड़ी ने कहा कि इतने बच्चों की मौत होने के बाद अब जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आज मुजफ्फरपुर जाने और अस्पताल का जायजा लेने की फुर्सत मिली। हर साल हज़ारों बच्चे मारे जाते हैं। लेकिन फिर भी सरकार की कोई तैयारी नहीं होती। दवा और इलाज के अभाव में गरीब बच्चे मर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री पिकनिक मना रहे हैं। सरकार की संवेदना मर चुकी है। राबड़ी ने कहा कि यह एनडीए सरकार की घोर लापरवाही है। स्वास्थ्य मंत्री के गैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार और भ्रष्ट आचरण के कारण गरीबों के 1000 से ज़्यादा मासूम बच्चों की चमकी बुखार के बहाने हत्या की गई है।
मंत्री के लिए प्लेन, बच्चों के लिए एअर एंबुलेंस क्यों नहीं
पूर्व सीएम के अनुसार हर साल बीमारी से हज़ारों बच्चे मरते हैं, लेकिन बताते सैंकड़ों हैं। फिर भी रोकथाम का कोई उपाय तथा समुचित टीकाकरण नहीं है। राबड़ी ने कहा कि दवा और इलाज का सारा बजट ईमानदार सुशासनी घोटालों की भेंट चढ़ जाता है। बिहार का बीमार स्वास्थ्य विभाग खुद आईसीयू में है। केंद्र और प्रदेश के मंत्री चार्टड प्लेन से मुजफ्फरपुर जा रहे हैं। क्या वे बीमार बच्चों को एअर एंबुलेंस से दिल्ली नहीं ले जा सकते? वहां उन्हें बेहतर इलाज मिलता।