डीजीपी, गृह विभाग व युवा कार्य संस्कृति विभाग करेगा जांच
स्मार्ट सिटी का रूतबा पाने वाले भागलपुर का चर्चित सांस्कृतिक कला केन्द्र में पुलिस थाना स्थापित हो जाने का मामला तूल पकड़ते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहुंच गया है। भागलपुर के करीब 40 सीनियर संस्कृतिकर्मियों ने आज से मोतिहारी में शुरू होने वाले राज्यस्तरीय युवा महोत्सव का बहिष्कार करते हुए मुख्यमंत्री से गुहार की है कि वे अविलम्ब हस्तक्षेप कर मामले को नियंत्रित करें। संस्कृतिकर्मियों ने धमकी भी दी है कि अगर थाना परिसर अन्यत्र स्थापित नहीं हुआ तो आंदोलन के लिए संस्कृतिकर्मी बाध्य होंगे।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इसकी जांच का जिम्मा मुख्य सचिव, गृह विभाग, डीजीपी तथा युवा कार्य एवं संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव को देते हुए अविलम्ब वस्तुस्थिति से अवगत कराने की मांग की है। जानकारी मिली है कि अत्यावश्यक बताते हुए मुख्यामंत्री सचिवालय से जारी निर्देश के बाद डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने अविलम्ब आईजी से बातचीत की और ग्रंाउड रिपोर्ट देने की मांग की। उधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह विभाग ने भी अपनी टीम भेजने की बैठक आज अवकाश के दिन भी की।
इस संबंध में बताया जाता है कि भागलपुर में सक्रिय भू-माफिया गिरोह ने कलास केन्द्र की जमीन को औने-पौने कीमत पर बेच दी है और पुलिस विभाग से सांठगंठ कर आलमपुर थाना को उसमें स्थापित करवा दिया है। इस कला केन्द्र की स्थापना प्रख्यात चित्रकार नन्द लाल बसू की प्रेरणा से हुई थी। स्त्येन्द्र नारायण सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में इसे लीज पर भूमि आवंटित हुआ था। फिलहाल, इसमें कोई प्राचार्य नहीं है। लम्बे समय तक यह स्थानीय गंजेड़ियों के कब्जे में रहा और बाद में माफियाओं का पनाहगाह बन गया और अब पुलिस के बूटों तले रौंदा जा रहा है।