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नीतीश के मंत्री ने बिहार में NRC की मांग उठाई, द्विविधा में जदयू?

पटना : बिहार में NRC लागू करने को लेकर भले ही जदयू का स्टैंड क्लियर नहीं है, लेकिन उसके दल से ही इसके पक्ष में आवाजें उठने लगी हैं। एनडीए में भाजपा, लोजपा पूरे जोर—शोर से इसे बिहार में भी लागू करने की बात कह रहे हैं। लेजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने तो बिहार में इसे लागू करने की खास जरूरत तक बता दी है। लेकिन एनडीए के ही एक अहम घटक जेडीयू ने बिहार में इसे लागू करने पर सहमति नहीं दी है। अब जेडीयू नेता और बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री खुर्शीद आलम ने एनआरसी का समर्थन करते हुए कहा है कि जो भारत का नहीं, उसे भारत में कैसे रहने दिया जा सकता है।

प्रशांत किशोर के बयान का किया विरोध

बिहार में NRC पर खुर्शीद आलम ने जो कहा, उसे लेकर जदयू में काफी हलचल मच गई है। लगे हाथ खुर्शीद ने यह भी कह डाला कि क्या हम पाकिस्तान के अवैध लोगों को भारत में रहने की इजाजत दे दें। एनआरसी पर अभी तक जदयू के किसी बड़े नेता का साफ—साफ और क्लियर स्टैंड नहीं आया है। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जब कहा था कि एनआरसी पूरे देश में लागू करेंगे तो जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि सरकार पहले बीजेपी शासित राज्यों से इस मामले पर सहमति बनाए।

जदयू में हलचल, स्टैंड क्लियर करने की मांग

प्रशांत किशोर के बयान को सतही माना गया था क्योंकि उनकी हैसियत पार्टी में चुनावी स्ट्रैटेजी निर्धारण तक ही सीमित है। पॉलिटिकल फ्रंट पर इस मुद्दे पर अभी तक न तो आरसीपी सिंह, न केसी त्यागी और न ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही खुलकर कुछ कहा है।

विस चुनाव को ले द्विविधा में जदयू के बड़े नेता

ऐसे में खुर्शीद आलम के बयान को जदयू में एनआरसी पर एक राय नहीं होने के तौर पर देखा जा रहा है। पार्टी का एक खेमा जहां अल्पसंख्यक वोट बैंक पर नजरे गड़ाए हुए है, वहीं राजद में जगदानंद सिंह द्वारा कमान थामने के बाद जदयू का दूसरा खेमा अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर ज्यादा अपेक्षा नहीं पालने का विचार रख रहा है। इस खेमे का मानना है कि राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर एनडीए में विरोधी विचार का पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। ऐसे में एनडीए के स्टैंड के साथ ही जदयू को भी एनआरसी पर मजबूती से खड़ा होना चाहिए।

विदित हो कि वर्ष 2017 में जदयू के खुर्शीद आलम उर्फ फिरोज अहमद ने विश्वास मत के दौरान विधानसभा में जय श्री राम के नारे लगाए थे। तब वे खासे चर्चा में आए थे। अब बिहार में एनआरसी पर अपनी बेबाक राय रखकर उन्होंने जदयू को आर या पार वाली स्थिति में ला छोड़ा है।