Swatva Samachar

Information, Intellect & Integrity

Featured पटना बिहार अपडेट बिहारी समाज राजपाट

केंद्र में अब एक नहीं 2 के फिराक में नीतीश, क्या होगा मंसूबा पूरा

पटना : आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के उपरांत एक बार फिर से मोदी कैबिनेट का विस्तार होना है। क्योंकि अभी कई पदों पर अन्य मंत्री प्रभारी के रूप में कार्य कर रहे हैं। हालांकि, मोदी कैबिनेट विस्तार का कब होगा उसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।

लेकिन, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है फिलहाल भाजपा के तमाम बड़े नेता आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में व्यस्त हैं यह कार्यक्रम समाप्त होने के बाद कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। लेकिन, इस बार कैबिनेट विस्तार में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वापस से जदयू केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होगा या नहीं क्योंकि भाजपा अब मिशन 2024 के तहत अपने योजना को पटल पर लाना शुरू कर चुकी है।

जदयू की वापस मंत्रिपरिषद में एंट्री होगी या नहीं

बताया जा रहा है कि, भाजपा 2024 को लेकर अब अपने सभी कार्यों को अंजाम दे रही है, इसी कारण वो संगठनात्मक बदलाव के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री परिषद में बदलाव पर नजर बनाई हुई है। जिसके बाद इस मुद्दे को लेकर बिहार के सियासी गलियारों में भी चर्चाओं का बाजार गर्म है कि बिहार से जदयू की वापस मंत्रिपरिषद में एंट्री होगी या नहीं और यदि होगी भी तो इस बार जदयू के लिए वह कौन सा चेहरा होगा जिसे मंत्री बनाया जाएगा।

जदयू के तरफ से दावेदार

गौरतलब हो कि, बीते दिनों राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने पर वापस से जदयू ने आरसीपी सिंह को टिकट नहीं दिया,जिससे वह मंत्री पद से इस्तीफा देकर वापस बिहार लौट चुके हैं और इस वक्त उनके विभाग का कामकाज ज्योतिरादित्य सिंधिया देख रहे हैं। ऐसे में अब यह बात शुरू हो गयी है की क्या वापस से इस पद को जदयू को दिया जा सकता है और मंत्रिमंडल में जगह मिल सकता है या नहीं। वही, यदि यह पद भाजपा वापस से जदयू को देती है तो इसके दावेदार जदयू के तरफ से किसको बनाया जाएगा, इसको लेकर बिहार की तीसरे नंबर की पार्टी जदयू में भी चर्चा शुरू हो गई है।

इन नामों की चर्चा

बात करें, मोदी कैबिनेट में शामिल होने को लेकर जदयू में चल रहें नामों की तो तो फिलहाल जदयू में इसको लेकर 3 से 4 नामों की चर्चा है। जिसमें पहला नामहर किसी के जुबान पर है। वहीं दूसरा नाम जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का है जबकि तीसरा और चौथा नाम संतोष कुशवाहा चंद्रदेव चंद्रवंशी का है। इन नामों को लेकर जदयू सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार अपने गिरते वोट बैंक में सुधार को लेकर वापस से सवर्ण, कुशवाहा और अति पिछड़ा का सहारा लेना चाहते हैं, इसलिए वह ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाए हैं और कुशवाहा समाज को भी बड़ी जिम्मेदारी दी है।

इसके अलावा एक बार फिर से नीतीश अपने पुराने लव – कुश समीकरण को मजबूत करना चाह रहे हैं ताकि अन्य कोई भी राजनीतिक दल उनके इस वोट बैंक में सेंध ना लगा पाए। हालंकि, मंत्रिमडल में किसे शामिल करना है किसे नहीं इसको लेकर फैसला तो अंतिम रूप से पीएम मोदी को ही करना है। लेकिन जदयू में जिन नाम की चर्चा है उसमें से दो नाम पहले भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में रहा है। साथ ही जिस तरह से पीछले दिनों खुद पीएम ने जिस तरह ललन सिंह को बुलाया है, उससे यह तो साफ है कि ललन सिंह को लेकर बात लगभग पक्की हो गई है।

बहरहाल, अब देखना यह है कि नीतीश कुमार के तरफ से जो इस बार केंद्र में 2 सीटों को लेकर मांग चल रही है उस पर भाजपा कोई बारगेनिंग करती है या नहीं क्योंकि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर दबाव में है और नीतीश भी इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि ऐसे में भाजपा यह तो कतई नहीं चाहेगी की कोई छोटी मांग को लेकर अपना गठबंधन खत्म करना नहीं पसंद करेगी।