मनरेगा का फर्जी डाटा पेश कर घिरी नीतीश सरकार, जांच होगी : मंत्री

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पटना : मनरेगा में काम देने का फर्जी डाटा पेश पेश करने पर नीतीश सरकार आज बुरी तरह धिर गई। बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने मनरेगा साइट पर दिये राज्य सरकार के आंकड़ों को पूरी तरह फर्जी बताया। इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने मनरेगा के तहत रोजगार संबंधी आंकड़ों की जांच करने, अनियमितता पाए जाने पर कार्रवाई करने और इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर सदन को सूचित करने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि गलत जवाब देने वाले किसी भी अधिकारी को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

विधानसभा में विपक्ष का भारी हंगामा

मामला यहीं नहीं थमा और तेजस्वी यादव ने पूरक के माध्यम से मंत्री के उत्तर को चुनौती दी। मंत्री ने सदन को बताया था कि मनरेगा के तहत 99.81 प्रतिशत आवेदकों को रोजगार प्रदान किया गया। तेजस्वी यादव ने सरकार पर सदन में फर्जी डाटा पेश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल 62 लाख 9 हजार व्यक्तियों ने काम की मांग की थी। जिसमें से 61 लाख 97 हजार को काम मिला। यानी देश में सबसे अधिक 99.81% व्यक्तियों को काम मिला। लेकिन मनरेगा की साइट पर दिए डाटा में कुल एक्टिव वर्कर्स 94 लाख 66 हजार हैं। इसमें से 45 लाख 67 हजार लोगों को काम मिला। यानी वास्तविकता में सिर्फ 14,590 लोगों को ही 100 दिन का काम मिला।

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मनरेगा की साइट का दिया हवाला

मनरेगा साइट के हवाले से तेजस्वी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 में 1.53 करोड़ लोगों ने सरकार से रोजगार मांगा था। सरकार कह रही है कि 62 लाख 9 हजार लोगों ने काम मांगा और आपने 99.81% लोगों को काम दे भी दिया। लेकिन आपका ही रियल टाइम डाटा कह रहा है कि केवल 45 लाख 67 हजार लोगों को ही काम मिला। मंत्री अभी अपने अधिकारियों को बुलाकर सामने बिठाकर यह आंकड़ा दिखाएं। अगर सदन में भी सरकार और उसके मंत्री झूठ बोलेंगे तो जनता माफ नहीं करेगी।

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