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नीतीश ने श्याम रजक को मंत्रिमंडल से तो वशिष्ठ ने पार्टी से किया बर्खास्त

पटना: विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं ने दल बदलना प्रारंभ कर दिया है। इससे कड़ी में जदयू नेता और बिहार सरकार के मंत्री श्याम रजक जदयू छोड़कर राजद में शामिल होने वाले थे।

लेकिन, इससे पहले ही जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने मंत्री श्याम रजक को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया। वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधि के कारण श्याम रजक को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्याम रजक को मंत्रिमंडल से भी बर्खास्त कर दिया है। मुख्यमंत्री में बर्खास्ती की अनुशंसा राज्यपाल के पास भेज दिया है। राजभवन से मंजूरी मिलते ही श्याम रजक को कैबिनेट से बाहर कर दिया जाएगा।

कहा जा रहा था कि श्याम रजक सोमवार को पार्टी से इस्तीफा देने के बाद दोपहर 12 बजे विधानसभा जाकर विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा सदस्य से इस्तीफा सौपेंगे। श्याम रजक के इस फैसले के पीछे का कारण यह बताया जाता है कि वे पार्टी में अनदेखी से नाराज हैं। इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं।

श्याम रजक का पार्टी बदलने का रिवाज कोई नया या पहली दफा नहीं है। इससे पहले भी वे वर्ष 2009 में राजद छोड़कर जदयू में शामिल हुए थे। इसके बाद नीतीश कुमार ने उन्हें 2010 में विधायक चुने जाने के बाद मंत्री बनाया था। इसके बाद 2015 में जब जदयू राजद के साथ गठबंधन किया था तो उस वर्ष यानी 2015 में श्याम रजक को मंत्री नहीं बनाया गया था। इसके पीछे यह कारण बताया जाता है कि लालू यादव पार्टी बदलने को लेकर रजक से निराश थे। क्योंकि लालू श्याम रजक को काफी मानते थे। लेकिन, रजक ने लालू को धोखा देते हुए जदयू में शामिल हो गए थे! इसी अपमान का बदला लेने के लिए लालू ने 2015 में उन्हें मंत्री नहीं बनाया था!

क्षेत्रीय राजनीति में जाति को लेकर प्रमुखता से राजनीति होने के कारण श्याम रजक दलित चेहरे के रूप में क्षेत्रीय पार्टियों के लिए स्वीकार्य नेता हैं। इसलिए एक बार पुनः श्याम रजक नीतीश कुमार को छोड़कर लालू यादव के घर जा रहे हैं। बताया जाता है कि श्याम रजक को राजद में शामिल होने की पूरी तैयारी कर ली गई है।