नयी दिल्ली : महाराष्ट्र के सियासी रण में एक नया ट्विस्ट सामने आया है। वहां भाजपा ने राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे को एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री बनाने का मन बना लिया है। यदि ऐसा होता है तो इससे शिवसेना की राजनीति में एक नए रेस की शुरुआत होगी जिसमें ठाकरे बनाम ठाकरे का रोचक मुकाबला देखने को मिलेगा। भारतीय जनता पार्टी का यह नया दांव उद्धव और आदित्य ठाकरे के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है।
उद्धव-आदित्य की काट होंगे राज पुत्र अमित ठाकरे
भाजपा इस फॉर्मूले के द्वारा एक तीर से दो निशाने लगाने की मंशा रखती है। एक तो एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने के फैसले को कैडर शिवसैनिकों तक जायज बनाना और दूसरा उद्धव को हाशिये पर लाने के साथ ही बालासाहब ठाकरे सेंटिमेंट को भी नहीं गंवाना। यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा इसके जरिए शिवसेना में उद्धव—आदित्य दोनों का एकसाथ वर्चस्व कम करने में कामयाब हो जायेगी। ऐसे में राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे की सरकार में बतौर मंत्री इंट्री आदित्य ठाकरे की शिवसेना में सियासी वारिस होने के दावे पर भी सीधी चुनौती खड़ी कर सकती है।
अमित ठाकरे शिवसेना के गढ़ में हुए सक्रिय
इस सबके बीच राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने भी अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है। उनके पिता की पार्टी मनसे ने महासंपर्क अभियान के तहत 5 से 11 जुलाई के बीच कोंकण क्षेत्र का दौरा शुरू कर दिया। इसकी अगुवाई महाराष्ट्र नवनिर्माण विद्यार्थी सेना के अध्यक्ष अमित ठाकरे ने की। पार्टी ने सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी और रायगढ़ जिलों में सघन अभियान चलाया। ये वही क्षेत्र है जिसे मुंबई और ठाणे के बाद शिवसेना का मजबूत गढ़ माना जाता है।