नयी दिल्ली : अब देश में पैदा होने वाले प्रत्येक बच्चे का आधार नंबर उनके जन्म के साथ ही बन जाएगा। इसके लिए आधार कार्ड बनाने वाली यूआईडीएआई ने भारत में प्रकिया शुरू भी कर दी है। इसके तहत बच्चों को उनके जन्म के साथ ही अस्पताल में ही आधार से एनरौल कर दिया जाएगा।
ऐसे बनाया जाएगा नवजातों का आधार कार्ड
यूआईडीएआई ने बताया कि चूंकि नवजातों का बायोट्रिक नहीं लिया जा सकता क्योंकि उनमें तेजी से ग्रोथ के कारण यह समय के साथ बदल जाता है। इसलिए यह व्यवस्था की गई है कि जन्म के समय शिशुओं की फोटो क्लिक करके उन्हें आधार कार्ड प्रदान किया जाएगा। बच्चों के इस आधार एनरौलमेंट को उनके माता—पिता के आधार नंबर से लिंक किया जाएगा। जब बच्चे 5 साल की उम्र के हो जायेंगे तब उनका बायोमिट्रिक लिया जाएगा।
प्रत्येक देशवासी का आधार कार्ड होगा सुनिश्चित
सरकार सभी देशवासियों का आधार कार्ड सुनिश्चित करना चाहती है। बच्चों के लिए यह नई सुविधा इसीलिए शुरू की गई है। मालूम हो कि अभी देश में 99.7 फीसदी वयस्कों का आधार कार्ड बनाया जा चुका है। देश में हर साल ढाई करोड़ बच्चे जन्म लेते हैं। अब इनका भी आधार बन जाने से स्कूल में एडमिशन या किसी सरकारी योजना में उनके रजिस्ट्रेशन में काफी आसानी होगी। बच्चों के आधार कार्ड को ‘बाल आधार कार्ड’ नाम दिया है और यह नीले रंग का होता है।