नेताओं की पैरवी से पुलिस मुख्यालय आजिज

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पटना : बिहार का पुलिस मुख्यालय राजनेताओं की पैरवी और उनके पैगाम से आजिज हो गया है। पराकाष्ठा तो यह कि आज देर शाम इसे अधिसूचना निकालनी पड़ी कि अगर कोई भी पुलिस अफसर राजनेताओं की पैरवी से पदस्थापना-तबादला के लिए दबाव बनाएगा तो उनकी सर्विस बुक को रंग दिया जाएगा कि ये फेयर जस्टिस नहीं कर सकते।

डीजीपी का आदेश- अफसर अगर करवाये पैरवी तो खैर नहीं

मुख्यालय की इस अधिसूचना से पुलिस अफसरों में हड़कम्प मच गया है। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने इस संबंध में अफसरों की एक मीटिंग कर स्पष्ट निर्देश दिया कि वे अगर पदस्थापना-तबादला में पैरवी कराएंगे तो विपरीत असर पड़ेगा। मतलब, उन्हें शंट कर दिया जाएगा।
पुलिस मुख्यालय के अपने किस्म के इस साहसिक अधिसूचना से महकमे में एक संदेश गया है कि अब राजनीतिक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं।
इस संबंध में बता दें कि बिहार की पुलिस व्यवस्था 1969 तक देश की सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था मानी जाती थी। देश के बड़े नौकरशाहों की आकांक्षा रहती थी कि वे बिहार में जाकर अपनी सेवा प्रदान करें। कालांत्तर में स्थिति इतनी बदतर होती गयी कि बिहार कैडर के कई बड़े नौकरशाह यहां के राजनीतिक हस्तक्षेप से उब कर केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने लगे। मुख्यालय की इस अधिसूचना से बिहार पुलिस की खोयी हुई प्रतिष्ठा की पुर्नस्थापना की उम्मीद की जा रही है।

swatva

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