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नेपाल दिखाने लगा आंख, जब्त की 100 भारतीय गाड़ियां

पटना/रक्सौल : नेपाल में मधेस आंदोलन की सुगबुगाहट फिर तेज होने लगी है। नेपाल के पूर्व राष्टपति उपेन्द्र यादव के नेतृत्व में मधेस की एकजुटता होने लगी है। संभावित उग्र आंदोलन को देखते हुए  ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है।
मिली जानकारी के अनुसार कस्टम डयूटी देने के बाद भी संधि व परम्परा का उल्लंधन करते हुए नेपाली प्रशासन ने करीब 100 से अधिक भारतीय गाड़ियों को बिना कारण बताये जब्त कर लिया है। नतीजा, नेपाल जाने वाले भारतीय पर्यटक सहित दैनिक गतिविधियों को संचालित करने वाले भारतीय सहम-से गये हैं।

500, 200 के नोट पर प्रतिबंध, मधेस आंदोलन की सुगबुगाहट

Image result for 500, 200 के नोट पर प्रतिबंधहालात ये हैं कि 500 की भारतीय करेंसी प्रतिबंध करने के बाद 200 की करेंसी पर भी वहां प्रतिबंध लगा दिया गया है। खाद और रासायनिक खाद का अत्यधिक प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए हरी सब्जियों पर भी ओली सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है। इससे सीमाई क्षेत्र के छोटे-बड़े ब्वापारियों सहित नेपाल में रह रहे मधेसियों में रोष व्याप्त हो गया है।

भारतीय हरी सब्जियों पर प्रतिबंध तो हटा, पर नियम कड़े

नेपाल में परसा संसदीय क्षेत्र के सांसद प्रदीप यादव ने बताया कि सरकार पर दबाव के बाद सब्जियों पर से तात्कालिक रूप से प्रतिबंध शनिवार की शाम में हटा तो लिया गया, लेकिन शर्त यह लगायी गई कि नेपाल के पास अभी अभी रसायन विशेषज्ञ नहीं हैं। उनके आते ही पुनः इसकी जांच होगी और मा़त्रा से अधिक रसायन पाये जाने पर पुनः प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।

कस्टम डयूटी देने के बाद भी पकड़ी भारतीय गाड़ियां

सांसद ने बताया कि सुनौली से फारबिसगंज तक के इलाके में बसे भारतीय व्यापारियों का कारोबार चैपट-सा हो गया है। जबकि भारत ने उदारता का परिचय देते हुए अभी तक नेपाल के विरूद्व कोई व्यापारिक संधि तोड़ने की दिशा में पहल नहीं की है। उन्होंने प्रधानमंत्री ओली पर चीन के प्रभाव में आकर काम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब दो सांसद तिब्बत के समर्थन में एक कार्यक्रम में भाग लेने गये तो उनके खिलाफ संसद में सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव ला दिया गया।
श्री यादव ने कहा कि आंदोलन उग्र होगा। पूरा मधेस उबलने लगा है। वहां की अर्थव्यवस्था का हवाला देते हुए श्री यादव कहते हैं कि भारतीयों ने ही नेपाल की इकाॅनामी में जान फूंकी है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा उठाये गये कदम का हवाला देते हुए कहा कि जब भारत ने नमक और पेट्रोल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया तो पूरे नेपाल में हाहाकार मच गया था।