पटना : महागठबंधन के बाद अब एनडीए में भी खटपट शुरू हो गई है। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने एनडीए में सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल लिया है। हालांकि इसे सीट शेयरिंग के लिए दबाव बनाने की रणनीति बता ज्यादा सीरियसली नहीं लिया जा रहा, लेकिन जो कदम आज मुंगेर में लोजपा ने उठाया वह कहीं से इग्नोर करने वाला नहीं है। चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोजपा ने अपने मुंगेर जिलाध्यक्ष को उनके पद से अचानक हटा दिया है। उनका कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने हाल में यह कह दिया कि ‘एनडीए गठबंधन अटूट है’।
क्या कहा था मुंगेर लोजपा अध्यक्ष राघवेंद्र ने?
जानकारी के अनुसार एक दिन पहले मुंगेर लोजपा अध्यक्ष राघवेंद्र भारती ने मीडिया में यह बयान दिया था कि ‘एनडीए गठबंधन’ चट्टान की तरह अटूट है। लेकिन यह कहना लोजपा के जिलाध्यक्ष को महंगा पड़ा। पार्टी ने मुंगेर के जिलाध्यक्ष राघवेंद्र भारती को इस बयान के बाद जिला अध्यक्ष के पद से मुक्त कर दिया।
ज्यादा सीट शेयरिंग के लिए दबाव की रणनीति
दरअसल राघवेंद्र भारती का उक्त बयान लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान के एनडीए में ‘ताजा मूव’ से मेल नहीं खाता जिसमें वे लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमले कर रहे हैं और राजद से नजदीकियां बढ़ाने की हवा बना रहे हैं। माना जा रहा है कि चिराग पासवान ऐसा कर भाजपा और जदयू को दबाव में लाना चाह रहे ताकि उनकी पार्टी को एनडीए में आगामी विस चुनाव में ज्यादा सीटें हासिल हो सकें।
चिराग पासवान के निर्देशों के उल्लंघन का आरोप
लोजपा के प्रदेश प्रवक्ता अशरफ अंसारी के अनुसार मुंगेर जिला अध्यक्ष ने मीडिया में बयान दिया था कि एनडीए गठबंधन अटूट है। उनका यह बयान पार्टी के दिशा निर्देशों के खिलाफ है। क्योंकि गठबंधन पर पार्टी ने तय किया था कि इस तरह के बयान पर अंतिम फैसला लेने का अधिकार केवल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को है। जिला अध्यक्ष को एनडीए गठबंधन के मामले में बोलने की कोई आवश्यकता नहीं थी।
उनके इस बयान के मद्देनजर पार्टी के प्रदेश प्रधान महासचिव डॉ. शाहनवाज अहमद कैफी ने मुंगेर जिला अध्यक्ष को पार्टी के दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने और राष्ट्रीय नेतृत्व के अनुशासन का उल्लंघन करने का दोषी पाते हुए पद से मुक्त कर दिया। साथ ही विश्वास जताया है कि आने वाले समय में सभी नेता पार्टी के निर्देशों का पालन अनुशासन मैं रहकर करेंगे।