नवादा : सदर अस्पताल नवादा में मानवता उस समय शर्मसार हो गयी जब एक शव को पोस्टमार्टम के बाद उसके गंतव्य तक पहुंचाने के लिये अस्पताल के कर्मियों ने 800 रूपये के रिश्वत की मांग कर दी। हद तब हो गयी जब सिविल सर्जन ने भी इस मामले में कुछ भी सुनने से इंकार कर दिया। बाद में सदर एसडीओ अनु कुमार के हस्तक्षेप के बाद शव को गांव तक पहुंचाया जा सका।
मामला मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के केना वर्मा निवासी सुनीता देवी उम्र 30 साल, पति अशोक प्रसाद से जुड़ा बताया जाता है। अशोक की पत्नी की मौत ट्रैक्टर से धक्का लग जाने से हो गई। शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद मुफ्फसिल पुलिस की मौजूदगी में मृतका के गांव केना बर्मा ले जाने हेतु एम्बुलेंस चालक को कहा गया। तब उसने नजराना के रूप में पीड़ित परिवार से 800 रूपये देने की मांग की। तब जाकर बात मीडिया के कानों में पड़ी। पीड़ित परिवार के पास पैसे नहीं थे।
मीडिया ने सदर एसडीम अनु कुमार को सूचना दी। लेकिन मुफ्फसिल थाना प्रभारी दरवारी चौधरी के कहने पर भी अस्पताल कर्मियों के कानों पर जू तक नहीं रेंगी। खुद मुफ्फसिल थाना प्रभारी दर्शक की तरह तमाशबीन बने रहे।
इसके बाद एसडीओ अनु कुमार सदर अस्पताल पहुंचे और उन्होंने कड़ी फटकार लगाते हुए एंबुलेंस चालक को तुरंत सुनीता देवी के शव को केना वर्मा पहुंचाने का आदेश दिया। सदर एसडीओ की तत्परता के कारण एक गरीब परिवार जो आर्थिक संकट से जूझ रहा था, शोषित होने से बच सका।