- भारतीय आर्थिक सेवा (आईईएस) परीक्षा में 18 वां रैंक प्राप्त करने में रही सफल
नवादा : होनहार विरवान के होत चिकने पात। मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती। इसे सिद्ध कर दिखाया है नवादा जिले नारदीगंज प्रखंड की बेटी अर्चना ने।
नवादा-नालन्दा सीमा पर बसे नारदीगंज प्रखंड के पड़रिया गांव की रहने वाली अर्चना बुलंद हौसले के साथ कामयावी के शिखर तक पहुंची है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में महीनों से जारी गतिरोध के बीच वहां के छात्रों ने एक बार फिर खुद को साबित किया है। जिसके तहत भारतीय आर्थिक सेवा (आईईएस) परीक्षा में छात्रों का जलवा रहा है।
जानकारी के अनुसार 32 सफल अभ्यर्थियों में से 18 अभ्यर्थी जेएनयू से संबंधित हैं। इनमें वर्तमान और पूर्व दोनों छात्र शामिल हैं।
पहली रैंक पाने वाले अंशुमान पूर्वछात्र :
इसमें पहली रैंक हासिल करने वाले अंशुमान कामिला जेएनयू के पूर्व छात्र रहे हैं, जबकि 8वीं रैंक हासिल करने वाली यशस्विनी सारस्वत, 18वीं रैंक हासिल करने वाली अर्चना कुमारी, छाया सिंह जेएनयू की छात्रा है। परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद सोमवार को यशस्विनी सारस्वत ने कुलपति से मुलाकात की है।
बेरोजगारी दूर करने के लिए काम करेंगी अर्चना
अर्चना कुमारी बताती हैं कि जेएनयू का अकादमिक माहौल उनकी सफलता के लिए बेहद मददगार रहा है। उनके परिवार में कोई भी सिविल सर्विसेज में नहीं है। उन्हें जेएनयू में पढ़ाई के दौरान ही इसमें जाने का ख्याल आया।अब जब सफल हो गई तो वह सरकारी नीतियों से बेरोजगारी दूर करने के लिए काम करना चाहेंगी।
बिहार के नवादा जिला नारदीगंज प्रखंड क्षेत्र के पररिया गांव की निवासी अर्चना बताती है कि उनके पिता मिडिल स्कूल में हेडमास्टर हैं।
पहले बीपीएससी की परीक्षा में उसे श्रम विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी जिससे वह संतुष्ट नहीं थी। उसका लक्ष्य कुछ और था। पहली बार में पूरे भारत में 18 वां स्थान पा वह बहुत खुश है। इसका श्रेय वह अपने पिता व गुरूजनों को देती है।