न जदयू में जा सकते, न राजद में कोई पूछ रहा! मजबूरन संन्यास पर गए ‘बाबा’
पटना : न जदयू में जा सकते हैं, न राजद में कोई पूछ रहा है। ऐसे में क्या करते शिवानंद बाबा। सो रिटायरमेंट ले ली। अब अनआफिसियली रिटायर तो हो ही गए, लेकिन उसे अब भी मान नहीं रहे। कहते हैं कि पार्टी से संबंधित कार्यों से छुट्टी ली है। राजनीतिक कार्यों को लेकर अब खुद को थका महसूस कर रहे हैं। शिवानंद तिवारी ने ये बातें मीडिया को कल देर शाम जारी की। लेकिन उन्होंने राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की बात नहीं मानी। लेकिन उनकी इतनी खुराफात ही विरोधी पार्टियों को चुटकी और मजे लेने का मौका देने के लिए काफी थी।
आलाकमान की उपेक्षा से हैं दुखी
राजद के वरीय नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि अब थकान अनुभव कर रहा हूं। शरीर से ज़्यादा मन की थकान है। संस्मरण लिखना चाहता था, लेकिन वह भी नहीं कर पा रहा हूं। इसलिए जो कर रहा हूं, उससे छुट्टी पाना चाहता हूं। इसके साथ ही उन्होंने आगे बड़ा निर्णय लेने की घोषणा करते हुए कहा कि राजद की ओर से जिस भूमिका का निर्वहन अब तक मैं कर रहा था, उससे छुट्टी ले रहा हूं।
राहुल गांधी का किया अनुसरण
राहुल गांधी का उदाहरण देते हुए ‘बाबा’ ने कहा देश के कई बड़े और संपन्न राजनेता छट्टी लेकर विदेश की यात्रा करते हैं। मेरे पास उतना धन नहीं है। सो, देश में भ्रमण करूंगा। बहुत दिनों से संस्मरण लिखने की इच्छा है। कोशिश होगी कि यह इच्छा पूरी हो जाए।
बेबाकी से बात रखने की आदत
शिवानंद तिवारी की पहचान बेबाकी से अपनी बात रखने वाले नेता की रही है। चाहे वे जदयू में रहें या राजद में, नेतृत्व की कार्यशैली पर उन्होंने कई बार सवाल उठाया। यही कारण है कि वे कहीं भी टिक कर नहीं रह पाये। अब हाल में उन्होंने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को जनता के बीच जाने की सलाह दी। इसे नेतृत्व ने पसंद नहीं किया। लिहाजा, पिछले दिनों वे राजद की गतिविधियों से अलग-थलग ही चल रहे थे। एक तरह से कहें तो पिछले कई माह से शिवानंद तिवारी राजद में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
माना जाता है कि शिवांनद तिवारी खुद की उपेक्षा से काफी दुखी होकर राजनीति से दूर होने की बात कही है। हालांकि राजद की जिम्मेदारियों से शिवानंद तिवारी के छुट्टी लेने को लेकर पार्टी की ओर से कोई बयान नहीं आया है, लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि अब विरोधी पार्टियां चुटकी लेने में पीछे नहीं रहेंगे।