मुआवजे की मांग पर मंत्री ने दिया जवाब, कहा – आज तक नहीं हुआ ऐसा

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पटना : बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 67वीं बिहार प्रशासनिक सेवा परीक्षा में पहली बार पेपर लीक मामले में वर्तमान में जांच – पड़ताल जारी है। इसको लेकर खुद सूबे के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि इस मामले की जांच तेजी से करें। वहीं,इस मामले को लेकर बिहार में राजनीति भी शुरू हो गई है। जहां बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस परीक्षा के अभ्यर्थियों को पांच हजार रुपए मुआवजा देने की मांग की तो इसका जवाब देते हुए बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बिहार जैसी सख्ती वाली परीक्षा के लिए चर्चित है, उसी रूप में जल्द ही बीपीएससी की परीक्षा ली जाएगी।

दरअसल, जदयू द्वारा आयोगित जनसहयोग कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बीपीएससी परीक्षा की पारदर्शिता एवं विश्वसनीयता राज्य में ही नहीं पूरे देश में है। इसी का उदाहरण है कि जैसे ही प्रश्नपत्र वायरल होने की सूचना मिली तुरंत 3 सदस्य वाली कमेटी बनाकर इसकी जांच करवाई गई और परीक्षा को रद्द कर दिया गया। ऐसा नहीं है कि इस प्रश्न पत्र के वायरल होने से किसी को फायदा हो गया थोड़ी सी शंका हुई और बड़ा कदम उठाया गया।

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इसके आगे उन्होंने कहा कि फिर से इसी स्वरुप में परीक्षा ली जाएगी। वहीं, उन्होंने कहा कि आज तक ऐसा हुआ है कि परीक्षा रद्द होने पर मुआवजा दिया जाएगा। यह तो कहने वालों की महानता है। मतलब होके से पहले बिहार के नेता प्रतिपक्ष ने कहा था कि बिहार की बहुत बदनामी हुई है यह प्रतिभाशाली अभ्यर्थियों के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। इसको लेकर अधिकारियों की जवाबदेही तय होता कि भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं हो।

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