पटना पहुंचा मंकीपॉक्स, महिला में दिखा लक्षण, सैंपल लेने घर आई PMCH की टीम
पटना : पूरे देश में इन दिनों कोरोना के साथ ही साथ मंकीपॉक्स भी तेजी से अपना पांव पसार रही है। भारत में अबतक कुल इसके 4 मरीज मिल चुके हैं। इसी कड़ी में अब इसको लेकर बिहार की राजधानी पटना से एक बड़ी जानकारी निकल कर सामने आई है।
जानकारी के अनुसार, राजधानी पटना के पटना सिटी इलाका अंतर्गत गुरहट्टा इलाके की रहने वाली एक महिला में मंकीपॉक्स के संदिग्ध लक्षण देखने को मिले हैं। जिसके बाद इसकी जानकारी मिलने पर आनन – फानन में पटना पीएमसीएच की टीम सैम्पल इक्टठा करने के लिए गुरहट्टा स्थित महिला के आवास पर पहुंची है। स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरे मामले की जांच कर रही है।
बिहार में मंकीपॉक्स के पहले मरीज के मिलने से स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया है। इसके साथ ही सरकार और स्वास्थ्य विभाग के तरफ से इसको लेकर राज्यवासियों को अलर्ट भी जारी कर दिया गया है। इसको लेकर केंद्र सरकार से मिली गाइडलाइन को सभी चिकित्सा प्रभारियों को भेजा गया है। गाइडलाइन के मुताबिक सभी चिकित्सक, आशा और एएनएम को मंकीपॉक्स के लक्षणों के बारे में ठीक से बताने का निर्देश दिया गया है। एनएम या आशा को किसी मरीज में यह लक्षण मिले तो वो तुरंत इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दें।
गौरतलब है कि, WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किये जाने की बात सामने आते ही लोग इसे लेकर अलर्ट हो गये हैं। 65 देश में कुल 16 हजार से ज्यादा मामले सामने आए है।
वही, भारत की बात करें तो अबतक केरल में मंकीपॉक्स के तीन और दिल्ली में एक केस मिले है। WHO की माने तो शारीरिक संबंध बनाने से यह संक्रमण तेजी से फैलता है। इसे लेकर विशेष सावधानी बरतने की बात कही गयी है।
किसको बोलते हैं मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्स वायरस संक्रमण दुर्लभ बीमारी है। जो कि चेचक या चिकनपॉक्स के सामान दिखाई देती है। यह बीमारी सबसे पहले 1958 में बंदरों में दिखाई दी थी। जिसके कारण इसे मंकीपॉक्स नाम दिया गया था। मंकी पॉक्स सबसे पहले 1970 में एक युवक में दिखायी दिया था।
क्या हैं इसके लक्षण
मंकीपाक्स का लक्षण- बार-बार तेज बुखार आना। पीठ और मांसपेशियों में दर्द। त्वचा पर दानें और चकते पड़ना। खुजली की समस्या होना। शरीर में सामान्य रूप से सुस्ती आना। मंकीपाक्स वायरस की शुरुआत चेहरे से होती है। संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है। चेहरे से लेकर बाजुओं, पैरों और शरीर के अन्य हिस्सों पर रैशेस होना। गला खराब होना और बार-बार खांसी आना भी इसके लक्षण में शामिल है।