भभुआ/सासाराम : कोरोना की दहशत किस कदर गांव—देहात में फैल चुकी है इसकी बानगी आज शनिवार सुबह मोहनिया में देखने को मिली। यहां ग्रामीणों ने एक कोरोना पीड़ित दारोगा की मौत के बाद उसके शव को नदी किनारे जलाने से रोक दिया। यही नहीं, लोगों ने मेडिकल टीम समेत पुलिसकर्मियों को भी दारोगा के शव के साथ वहां से खदेड़ दिया।
जानकारी के अनुसार सदर थाना भभुआ में पदस्थापित एक दारोगा की बीते दिन कोरोना से मौत हो गई। जब स्वास्थ्य कर्मी मृतक की लाश को दफनाने के लिए शव को लेकर मोहनिया प्रखंड के रतवारा नदी पर पहुंचे तो उन्हें ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। दर्जनों की संख्या में मौदूद ग्रामीण हाथों में लाठी डंडे लेकर नदी के पास शव दफनाने से मना करने लगे और उन्हें वहां से शव के साथ खदेड़ दिया।
दारोगा की तबीयत तीन-चार दिनों से तबीयत खराब चल रही थी। जांच में पॉजिटिव होने के बाद वह घर पर ही आइसोलेट थे। शुक्रवार को उनकी सांस फुलने लगी और देर शाम मौत हो गई। अनुमंडल अस्पताल लाने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद उनके शव को जलाने के लिए रतवारा नदी के तट पर व्यवस्था की गई। लेकिन ग्रामीण उग्र हो उठे और संक्रमण के डर से शव नहीं जलाने दिया।