पटना : केंद्रीय मंत्रिमंडल में जेडीयू के शामिल नहीं होने के बाद आज रविवार को नीतीश कुमार द्वारा सिर्फ जदयू के 8 मंत्रियों को शपथ दिलवाने के बाद बिहार में सियासी पारा गरम हो गया है। राजद ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जदयू ने नयी दिल्ली में मोदी सरकार द्वारा दिये गए सांकेतिक भागीदारी के प्रस्ताव का बिहार कैबिनेट के विस्तार में एनडीए को कोई जगह नहीं देकर ‘सांकेतिक’ जवाब दे दिया है।
मुद्दों को हराकर जीते नरेंद्र मोदी
आरजेडी प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि हाल में हुए लोकसभा चुनाव में मुद्दे हार गए और मोदी जी की जीत हुई। मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के समय दिल्ली में नीतीश जी ने एक शब्द का इस्तेमाल किया, जो जाहिर है कि बीजेपी के लिए बोला गया। उन्होंने सांकेतिक हिस्सेदारी की बात की। जबकि लोकतंत्र में हिस्सेदारी सांकेतिक नहीं, बल्कि वास्तविक होती है। जदयू ने बिहार की आगामी राजनीति में यही ‘वास्तविक’ वाला संकेत दे दिया है।
राजद की आगे की रणनीति क्या?
राजद प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि हमारे सामने प्राथमिकताएं बिल्कुल स्पष्ट हैं। राजद ने चुनाव हारा है, हौसला नहीं। राजद अब राज्य में अपने सामाजिक आधार के विस्तारीकरण और वास्तविक मुद्दों की वापसी के लिए काम करेगा। राजद ने हाल के चुनाव से काफी सबक सीखा है। हमारी प्राथमिकता है लोगों के वास्तविक मुद्दों को फिर से जिंदा करना। राजद प्रवक्ता ने भाजपा—जदयू के ताजा घटनाक्रम से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह दोनों का आंतरिक मामला है।