आधुनिक कृषि विज्ञान को गांव-गांव घर-घर तक पहुंचाना है- भाजपा

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पटना : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आजादी के इस अमृत काल में हमें कृषि से जुड़े आधुनिक विज्ञान को गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाना है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इसके लिए कुछ बड़े कदम उठाए गए हैं।

कृषि से जुड़ी रिसर्च और टेक्नोलॉजी हो स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा

हमें अब कोशिश करनी है कि मिडिल स्कूल स्तर तक कृषि से जुड़ी रिसर्च और टेक्नोलॉजी हमारे स्कूली पाठ्यक्रम का भी हिस्सा बना है।

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बढ़ना होगा कार्यों की गति

आज जब क्लाइमेट चेंज की चुनौती बढ़ रही है, तब हमें अपने कार्यों की गति बढ़ानी होगी। बीते वर्षों में इसी भावना को हमने किसानों की आय में बढ़ोतरी करने में प्रोत्साहित किया है।

किसान को सिर्फ फसल आधारित सिस्टम से बाहर निकालकर उन्हें वैल्यू एडिशन और खेती के अन्य विकल्पों के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।

35 फसल प्रजातियों को किया गया राष्ट्र को समर्पित

कृषि और विज्ञान के तालमेल का निरंतर बढ़ते रहना 21वीं सदी के भारत के लिए बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उच्च पोषक तत्वों से भरपूर, रोगरोधी तथा जलवायु अनुकूल विशेष गुणों वाली 35 फसल प्रजातियों को राष्ट्र को समर्पित किया है।

अरविन्द ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार कोविड के दौरान गेहूं और दलहन-तिलहन खरीद केंद्रों की संख्या तीन गुना तक बढ़ाई है। किसान सम्मान निधि के तहत 11 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में करीब 1.5 लाख करोड़ से ज्यादा रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।

सेवा समर्पण को जीवन का आधार मानने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर के सभी राज्य रोड, रेल, व हवाई मार्ग से तेजी से जुड़ रहे हैं। अष्टलक्ष्मी नाम को सार्थक करता पूर्वोत्तर अब पर्यटन, ऑर्गेनिक फार्मिंग, व हर्बल मेडिसिन जैसे अनेकों उद्योगों का हब बन रहा है।

भारत ने 2013-14 से 2021-22 (अप्रैल-जून तिमाही) तक 9 क्षेत्रों में रोजगार में 29% की वृद्धि देखी है। आईटी / बीपीओ, स्वास्थ्य, परिवहन, निर्माण, शिक्षा और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में मोदी सरकार के तहत स्वस्थ विकास देखा गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि”खादी सिर्फ वस्त्र नहीं, अपितु एक विचार है।”खादी भारत की भावना, समृद्ध इतिहास और आजादी के संघर्ष का चिर प्रतीक है। जब आप खादी को पहनते हैं तो आत्म-निर्भर भारत और स्वदेशी के सपने को साकार करते हैं। खादी_वस्त्र_नहीं_विचार_है।

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