मोबाइल स्वीच ऑफ कर 52 जमाती गायब, कोरोना जांच पर भी सवाल

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पटना : दिल्ली में निजामुद्दीन स्थित तबलीगी मरकज में भाग लेने वाले बिहारियों को लेकर अभी भी संशय की स्थिति है। अभी तक केंद्र सरकार से बिहार को दिल्ली के मरकज में शामिल होने वाले बिहारी जमातियों की चार सूची भेजी है। लेकिन किसी भी सूची के सभी जमातियों को ढूंढने में राज्य सरकार विफल रही है। कहा यह भी जा रहा है कि जमात में बिहार से 345 लोग शामिल हुए जिनमें अधिकतर दिल्ली में ही फंसे हुए हैं। जबकि बिहार लौटे 16 लोगों को विभिन्न जिलों से ढूंढ़ निकाला गया। लेकिन अभी भी 52 ऐसे जमाती हैं जिनका पता नहीं चला है। पुलिस के अनुसार इन सभी लापता बिहारी जमातियों के मोबाइल भी स्वीच ऑफ हैं।

जमातियों के करोना जांच में लापरवाही का आरोप

इधर भाजपा सांसद आरके सिन्हा ने बिहार में कोरोना की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में तब्लीगी जमात के लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ रही है। फिर बिहार में इनकी रिपोर्ट कैसे निगेटिव आ रही है। इनकी कोरोना जांच फिर से की जाए। उनकी दुबारा उत्कृष्ट किट से कोरोना की जांच हो, ताकि बिहार में इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।

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केंद्र ने भेजी 4 सूची, सभी का पता नहीं चला

केन्द्र सरकार ने बिहार को 394 जमातियों की एक और नई सूची भेजी है जो दिल्ली के मरकज में शामिल हुए थे। मोबाइल फोन के डंप डाटा के विश्लेषण के बाद ये नंबर बिहार के पाए गए हैं। इन नंबरों के आगे नामों की सूची नहीं है। जब बिहार पुलिस ने जांच शुरू की तो इनमें से 39 नंबर दूसरे राज्यों के मिले। वहीं यह भी पता चला कि इसमें से 307 लॉकडाउन के चलते मरकज से तो निकले पर दिल्ली में ही फंस गए। वहीं उनका मोबाइल का लोकेशन आ रहा है।

अब तक बिहार पुलिस ने मरकज में शामिल बिहार के 16 लोगों को ढूंढ़ निकाला और उन्हें क्वारंटाइन किया गया। लेकिन इस सूची में शामिल और बाकी सूचियों के कुल 52 बिहारी जमातियों का अब तक पता नहीं चल पाया है। इनके मोबाइल बंद हैं। विदित हो कि बिहार को मरकज में शामिल होने वालों की चार सूची मिली थी। पहली 86 की थी, जिनमें 53 का पता चला है। वहीं दूसरी सूची में 57 विदेशी थे, जिनमें 10 बिहार में मिले बाकी के बारे में कहा जा रहा है कि वह राज्य से वापस जा चुके हैं।

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