पुलिस ने दूत भेजा, उसने मृतक ? से बातचीत की
दूत ने पुलिस को सूचना दी, वह तो जिंदा है
पुलिस की बढ़ी परेशानी
पटना पुलिस के अनुसंधान के तरीकों से किसी भी देश के पुलिस को आश्र्चय में पड़ जाएगी। अभी मामला एक मॉब लिंचिंग का है। मॉब लिंचिंग में जिसे मृत मान लिया गया था, वह गांव में चलता-फिरता पाया गया। मामला पटना के नौबतपुर थाने का है। जो कृष्णा मांझी को पुलिस ने मॉब लिंचिंग में मृत मान उसका दाह-संस्कार घर वालों से करवा दिया, वह आराम से घुमता-फिरता दिख रहा है।
पुलिस को मामले की जानकारी मिलते ही हाथ-पांव फुलने लगे हैं।
हद तो यह कि जब कृष्णा मांझी जिन्दा है तो मृत व्यक्ति आखिर कौन था। दिलचस्प यह कि इस मामले में 23 लोगों को जेल भी भेजा चुका हैं।
मामला 10 अगस्त का है। नौबतपुर के महमदपुर गांव में माॅब लीचिंग में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी थी। मृतक की पहचान पुलिस ने पालीगंज-रानीआ तालाब के निसरपुरा गांव के कृष्णा मांझी के रूप में हुई थी। पुलिस ने उसे उसके परिजनों को बुलाकर शव को सौप दिया था।
इधर, कृष्णा सकुशल अपने गांव में आराम से सायकिल चलाता कहीं से आ धमका। पुलिस को जब सूचना मिली तब उसने अपने एक दूत को भेजा। दूत यह देख कर घबरा गया कि वह तो चलता-फिरता एक सजीव व्यक्ति है। दूत ने बाजाप्ता उससे बातचीत भी की।
अब पुलिस यह पता लगाने में जुट गयी है कि कृष्णा जिंदा है, तो मृत व्यक्ति कौन था।