MLC चुनाव : कांग्रेस का नया पैंतरा, कहीं करवाना न पड़े मतदान
पटना : बिहार विधान परिषद के खाली हुए 7 सीटों पर हो रहे चुनाव को कांग्रेस पेचीदा बनाते जा रही है। तीन दिनों से इसको लेकर कांग्रेस का बयान हर दिन बदल – बदल कर आ रहा है। इन तीन दिनों में कांग्रेस का बयान चार बार बदला है।
हर रोज बदल रहा बयान
दरअसल, बिहार में विधान परिषद चुनाव के एलान के बाद से आज अंतिम दिन तक कांग्रेस ने इतने बयान बदले हैं कि इससे बड़े – बड़े राजनीतिक सुरमा भी चकरा गए हैं। जहां मंगलवार सुबह तक विधान परिषद चुनाव को लेकर कांग्रेस का रुख समान्य था, वहीं शाम में यह बयान आया कि विधान परिषद चुनाव के लिए कांग्रेस अलग से उम्मीदवार उतारने जा रही है। हालांकि, इसके बाद बुधवार को वापस से यह कहा गया कि उनकी बात केंद्रीय नेतृत्व से हुई है और बिहार विधान परिषद में कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं देगी। लेकिन, अब गुरूवार को एक बार फिर से कांग्रेस ने अपना रुख बदल लिया है और पार्टी के उम्मीदवार बताए जा रहे प्रदुमन यादव ने नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए रसीद कटा ली है।
इसको लेकर नाराजगी
दरअसल, बात यह है कि कहना है कि महागठबंधन में उनको भी महत्व मिले और यदि प्रत्याशियों का ऐलान किया जाता है तो उसे भी इसमें प्रतिनिधित्व करने का अधिकार मिले। लेकिन, लालू प्रसाद यादव की राजद के तरफ से बिहार विधान परिषद चुनाव में बंधन में शामिल अन्य दोनों को महत्व नहीं दिया गया और तीन सीट के लिए केवल राजद के ही प्रत्याशियों को टिकट दिया गया। जिसके बाद कांग्रेस का यह नया पैंतरा शुरू हुआ है।
नाराज विधायकों से समर्थन मिलने का भरोसा
इधर, इसको लेकर कांग्रेस ने वाम दलों को साथ आने और एमएलसी चुनाव में प्रत्याशी देने का न्यौता भी दिया। लेकिन, जब वाम दलों ने जब इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो कांग्रेस दूसरे दलों के 15 विधायकों का समर्थन होने की बात कहकर प्रत्याशी देने की तैयारी में जुटी।
कल ही केंद्रीय नेतृत्व ने किया था मना
गौरतलब हो कि, बुधवार को कहा गया कि कांग्रेस बिहार विधान परिषद की सात सीटों के लिए हो रहे चुनाव में प्रत्याशी नहीं देगी। पार्टी आलाकमान वोटिंग के पक्ष में नहीं। लिहाजा उसने उम्मीदवार उतारने के फैसले पर विराम लगा दिया है। हालंकि, अन्य पार्टियों के नाराज विधायकों की सहमति के बाद कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने आलाकमान से प्रत्याशी उतारने की अनुमति मांगी थी। जिसके बाद प्रदेश नेतृत्व ने दो नामों पर सहमति भी बना ली थी। इनमें एक नाम संजीव सिंह और दूसरा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी बताया जा रहा था। इसके बाबजूद अब बताया जा रहा है कि प्रदुमन यादव ने नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए रसीद कटा ली है।
कहीं करवाना न पड़ें मतदान
मालूम हो कि, बिहार विधान परिषद की सात सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। इनमें राजद ने तीन जबकि जदयू और भाजपा ने दो-दो उम्मीदवारों के नाम का एलान किया है। सात सीटों के लिए सात ही उम्मीदवार होने के कारण सभी का चयन निर्विरोध होने की संभावना थी, लेकिन अब कांग्रेेस के उम्मीदवार देने के बाद मामला फंस सकता है।