मिथिलांचल-कोसी रेल सेवा शुरु, रेल मंत्री ने दिखाई हरी झंडी

0

सहरसा : बिहार का शोक नाम से प्रचलित कोसी नदी मिथलांचल को दो भागों में बांटती है। दोनों भाग को जोड़ने के लिए रेलवे रूट पर पुल का निर्माण भी कराया गया था। लेकिन, 1934 में आए भूकंप में पुल पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। आज लगभग 88 सालों बाद मिथलांचल का दोनों हिस्सा रेलवे नेटवर्क से फिर से जुड़ गया है।

swatva

इस पुल के शुरू होने से मधुबनी से सहरसा के बीच की दूरी लगभग 100 किलोमीटर तक कम हो जाएगी, जिससे इस रूट में यात्रा के दौरान यात्रियों का अच्छा-खासा समय बचेगा। मौजूदा समय में इसी दूरी को तय करने के लिए यात्री लंबा रूट लेकर यात्रा करने को मजबूर हैं। पुल झंझारपुर (मधुबनी) से निर्मली (सुपौल) को सीधा जोड़ती है। पुल का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। आज से इस पर ट्रेनों का परिचालन भी शुरू हो गया।

बात दें कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव नई दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मधुबनी जिले के झंझारपुर रेलवे स्टेशन से सुपौल जिले के निर्मली रेलवे स्टेशन और निर्मली से आसनपुर कुपहा तक ट्रेन परिचालन का उद्घाटन करेंगे। यह कहा गया है कि इस पुल के उद्घाटन के बाद 8 मई से दरभंगा के लहरियासराय से सहरसा के बीच 3 जोड़ी डेमू स्पेशल ट्रेनों का भी परिचालन शुरू किया जाएगा। इन स्पेशल ट्रेनों का रूट, लहेरियासराय से दरभंगा, सकरी, झंझारपुर, तमुरिया, निर्मली, सरायगढ़ और सुपौल होते हुए सहरसा तक जाएगी। ट्रेनों की शेड्यूल टाइम जानने के लिए IRCTC के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए।

समस्तीपुर रेलखंड और मिथलांचल को रेलवे की ओर से इस पुल के रूप में बड़ी भेंट मिली है। कोसी पर पुल के बनने से दोनों भाग 88 साल बाद जुड़ने जा रहा है। जिससे आम लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। पुल के निर्माण से दरभंगा- सहरसा के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों का समय और पैसा दोनों की बचत होगी।

सौरव झा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here