माइनस जदयू वाला एनडीए चाहते हैं कुशवाहा, पढ़ें क्यों?

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पटना : राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए में ही रहना चाहते हैं। लेकिन उन्हें ऐसे एनडीए में रहना है, जिसमें नीतीश और जदयू नहीं हों। आइए जानते हैं कि ऐसा चाहने के ​पीछे उनका क्या तर्क है? कुशवाहा ने आज पटना में प्रेस से कहा कि उनकी पार्टी का गठबंधन पहले से सिर्फ भारतीय जनता पार्टी एवं लोक जनशक्ति पार्टी के साथ है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले जनता दल (जदयू) से कोई गठबंधन नहीं है।

कुशवाहा ने तीन से अधिक सीटों पर की दावेदारी

कुशवाहा ने कहा कि उनकी पार्टी की हैसियत तीन से अधिक लोकसभा सीटों की है। सीट बटंवारे को लेकर भाजपा से रालोसपा को तवज्जो नहीं दिये जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता तो भाजपा-जदयू के बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद भी अभी तक कुछ नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि यदि सीटों पर बात हो जाती तो कब की घोषणा हो जाती। राजग में सीटों का बटंवारा मिल बैठकर होगा।

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रालोसपा का भाजपा-लोजपा से गठबंधन है : उपेन्द्र

केन्द्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री श्री कुशवाहा ने पटना में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी का जदयू के साथ कोई गठबंधन नहीं है। जदयू की तरह उनकी पार्टी ‘आया राम, गया राम’ नहीं। उन्होंने कहा कि रालोसपा का गठबंधन पहले से सिर्फ भाजपा एवं लोजपा के साथ है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पूर्व ही उन्होंने कहा था कि श्री नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनना चाहिए। जबकि मुख्यमंत्री श्री कुमार उस समय श्री मोदी का खुलकर विरोध कर रहे थे। साफ है कि जिससे गठबंधन किया है उनके साथ गठबंधन धर्म निर्वहन करने का दायित्व भी बनता है।

रालोसपा बासी भात नहीं खाएगी, लाभ में हिस्सा नहीं मिला

उन्होंने कहा कि जदयू के साथ रालोसपा के गठबंधन की पहल भाजपा को करनी पड़ेगी। वर्ष 2014 में जब गठबंधन हुआ था उस समय सिर्फ तीन पार्टियां भाजपा, लोजपा और रालोसपा ही थी। एनडीए में नये सहयोगी जदयू के आने से आज हानि की बात की जा रही है लेकिन इससे जो लाभ हुआ उसमें रालोसपा को हिस्सा नहीं मिला। रालोसपा को बासी भात खाने में रूचि नहीं है। उन्होंने कहा कि रालोसपा बासी भात नही खायेगी और यदि उनकी पार्टी बिहार सरकार में शामिल होगी तो यह बासी भात खाने के समान होगा। श्री कुशवाहा से जब यह पूछा गया कि होने वाले लोकसभा के चुनाव में बिहार में राजग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा तब उन्होंने कहा कि अभी से यह कैसे कहा जा सकता है कि किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जायेगा। यह तय नहीं है। उनसे जब यह पूछा गया कि अगले विधानसभा के चुनाव में श्री कुमार को फिर से मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा है तब इस पर उन्होंने कहा, “मेरे लिये (उपेन्द्र ) बहुत ही अपमानजनक ‘नीच’ शब्द का प्रयोग किया है और ऐसे में वह अभी नहीं कह सकते हैं कि अगले विधानसभा के चुनाव में कौन मुख्यमंत्री के पद का दावेदार होगा। रालोसपा अध्यक्ष ने राष्ट्रीय जनता दल(राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के संबंध में पूछे गये एक सवाल के जवाब में कहा कि श्री यादव अब एक इतिहास बनकर रह गये हैं।

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