पटना : राजधानी के प्रख्यात मिलर हाईस्कूल मैदान के निकट रालोसपा चीफ उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार को शासन से हटाने के लिए ‘मरने के दम तक आमरण अनशन’ शुरू कर दिया। लेकिन उन्हें जीतनराम मांझी, मुकेश साहनी और वाम नेताओं का तो समर्थन मिला मगर राजद नेता तेजस्वी यादव गच्चा दे गए। तेजस्वी उपेंद्र के इस आमरण अनशन कार्यक्रम से पूरी तरह नदारद रहे।
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तेजस्वी यादव के बारे में बताया गया कि वे झारखंड चुनाव प्रचार में व्यस्तता के चलते उपेंद्र कुशवाहा के अनशन में नहीं आये। लेकिन इसे लेकर बिहार में महागठबंधन की एकता को लेकर चर्चा शुरू हो गयी।
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कुशवाहा का साथ देने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, वीआईपी के चीफ मुकेश सहनी समेत वाम दलों के नेता भी धरना स्थल पर पहुंचे हुए थे। उपेन्द्र कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा कि ‘शिक्षा में सुधार, वरना जीना बेकार’ नारे के साथ उन्होंने आमरन अनशन शुरू किया है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार की नीतीश सरकार निरंकुशता पर उतर आई है। केंद्रीय विद्यालय खोलने के लिए राज्य सरकार जमीन नहीं दे रही। वहीं नियोजित शिक्षकों के साथ भी अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है। ऐसे में इस सरकार को उखाड़ फेंकना जरूरी हो गया है।
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