‘मी टू’ की तर्ज पर बिहार की महिलाओं के लिए ‘चुप्पी तोड़’ एप

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पटना : देश में आजकल ‘मी टू’ अभियान की खूब चर्चा है। इसके जरिए सेलिब्रिटिज, खासकर इलिट वर्ग की महिलाएं अपने साथ हुए अत्याचार पर खुलकर बोल रही हैं। एक तरह से इसके द्वारा उच्च वर्ग की महिलाओं को एक मंच मिला, जिसमें उनके साथ हुई हिंसा के खिलाफ अपनी बात को रखने का उन्हें एक मौका उपलब्ध हुआ। अब मध्य वर्ग की महिलाओं के लिए इसी तरहा का एक मंच ‘चुप्पी तोड़ एप’ के माध्यम से लाने की कोशिश की गई है। इस एप के द्वारा अब हर वर्ग की महिलाएं अपने साथ हो रहे या हो चुके अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा पाएंगी। इसके लिए उन्हें बस ‘चुप्पी तोड़ एप्लीकेशन’ से जुड़ना भर होगा।

महिला अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वाली प्रसिद्ध महिला कार्यकर्ता पाउला डोनोवन ने पटना के चाणक्य होटल में बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि बिहार जैसे पिछड़े राज्य की महिलाओं के लिए यह एप एक ढाल की तरह काम करेगा। जेंडर एलायंस की ओर से चुप्पी तोड़ मोबाइल एप्लीकेशन के लांचिंग कार्यक्रम का आयोजन होटल चाणक्या में किया गया था। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ यौन शोषण का अपराध कम होने का नाम ही नहीं ले रहा। सरकार और विभिन्न संगठनों द्वारा उनके पक्ष में बहुत सारे कार्यक्रम भी चलाएं जा रहे हैं। फिर भी महिलाएं बहुत उपेक्षित, शोषित हैं। आज भी महिलाएं अपने खिलाफ हो रहे अत्याचार को चुपचाप सह रही हैं। यौन शोषण के खिलाफ महिलाएं अपनी आवाज इस एप के माध्यम से बुलंद कर सकती हैं। इस एप को प्ले स्टोर में जाकर डाऊनलोड किया जा सकता है।

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पीड़ित महिला ने बयां की आपबीती

वहीं “चुप्पी तोड़” मुहिम की अगुवाई करनेवाली प्रशांति ने कहा कि मुझे भी अपनी आवाज़ उठाने के लिए बहुत हिम्मत जुटानी पड़ी थी। जो महिला यौन उत्पीड़न की शिकार हैं या दहेज़ की वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वो सीधा “चुप्पी तोड़” मुहिम से जुड़़ जाएं, हम उनकी हरसंभव मदद करेंगे।

बीना कुमारी सिंह/मानस दुबे

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