पटना : मुजफ्फरपुर के मेयर समीर कुमार हत्याकांड में उनकी पत्नी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जांच की दिशा को भटनाकाने का काम करते हुए मेरे पति के हत्यारों को बचाने का काम किया है। मेरे पति मुजफ्फरपुर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे। वे भाजयुमो के अध्यक्ष रहे और यहां के प्रथम महापौर बनने का सौभाग्य उन्हें प्राप्त हुआ था। पुलिस की थ्योरी कि उनकी हत्या की वजह कल्याणी जमीन विवाद थी, एक मनगढ़ंत रचना है। मुख्य साजिशकर्ताओं को बचाने के लिए अनुसंधान की दिशा ही बदल दी गयी है।
उन्होंने कहा कि पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर वे 18 जनवरी को आमरण अनशन पर बैठेंगी। मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि स्थानीय पुलिस की दिलचस्पी मुख्य साजिशकर्ता को बेनकाब करने की नहीं है। एसएसपी साहब ने गोविंद व ओंकार की गिरफ्तारी के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि जमीन खाली करवाकर पैसा नहीं दिए जाने के कारण गोविंद ने हत्या कर दी। बकौल पुलिस समीर कुमार गोविंद की हत्या करवाना चाहते थे। यह बिल्कुल मनगढ़ंत व जांच को भटकाने की सोची—समझी साजिश है। एसएसपी साहब यह भी कहे थे कि खुले मन से गोविंद ने हत्या की बात स्वीकार की है। यह शब्द पहली बार सुनने को मिला। मैंने पहले भी कहा कि गोविंद व ओंकार से कभी मेरे पति की बात नहीं हुई थी। पुलिस दोनों का काॅल डिटेल निकाले। पिंटू का भी काॅल डिटेल निकाला जाए और पुलिस उसे सार्वजनिक करे। सच्चाई सामने आ जायेगी। अनुसंधान में लगी पुलिस टीम मुख्य साजिशकर्ताओं के प्रभाव में आकर अनुसंधान की दिशा ही बदल दी है। मुझे आशंका है कि पुलिस अपराधियों के बचाव में मेरे पति को ही अपराधी साबित न कर दे। मैंने पुलिस को जांच के लिए काफी समय दिया। जांच में सहयोग भी किया लेकिन पुलिस की जांच ने अनुसंधान की दिशा ही बदल दी। मैं मामले की जांच सीबीआई से कराने को लेकर 18 जनवरी 2019 को एक दिवसीय उपवास पर समाहरणालय के समक्ष बैठूंगी। मुख्यमंत्री, राज्यपाल, पीएम व राष्ट्रपति आवास पर भी धरना पर बैठूंगी। जरूरत पड़ने पर हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाउंगी।
रमाशंकर
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