नवादा : हिंदू धर्म शास्त्रों में मौनी अमावस्या का महत्व बहुत ही ज्यादा माना जाता है। यह अमावस्या माघ मास में आती है, इसलिए इसे माघी अमवास्या भी कहा जाता है।
इस साल मौनी अमावस्या 24 जनवरी को पड़ रही है। इस दिन व्रती को मौन धारण करते हुए दिन भर मुनियों सा आचरण करना पड़ता है, इसी कारण यह अमावस्या मौनी अमावस्या कहलाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र नदियों में स्नान से विशेष पुण्यलाभ प्राप्त होता है।
माना जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत बन जाता है। इसलिये, माघ स्नान के लिए माघी अमावस्या यानी मौनी अमावस्या को बहुत ही खास माना गया है। आइए जानते हैं आखिर क्या है इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का शुभ मुहूर्त और महत्व।
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त :
अमावस्या सुबह 2 बजकर 17 मिनट से (24 जनवरी 2020) से प्रारंभ हो कर अगले दिन सुबह 3 बजकर 11 मिनट तक (25 जनवरी 2020) पर समाप्त हो जाएगी।
मौनी अमावस्या का महत्व :
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से पितरों को शांति मिलती है। मौनी अमावस्या पर किया गया दान-पुण्य का फल सतयुग के ताप के बराबर मिलता है।
कहा जाता है कि इस दिन गंगा का जल अमृत की तरह हो जाता है। इस दिन प्रात: स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करनी चाहिये। श्री हरि को पाने का सुगम मार्ग है माघ मास में सूर्योदय से पूर्व किया गया स्नान। इसमें भी मौनी अमावस्या को किया गया गंगा स्नान अद्भुत पुण्य प्रदान करता है।
मौनी अमावस्या के दिन किस चीज का दान करें :
मौनी अमावस्या के दिन तेल, तिल, सूखी लकड़ी, कंबल, गरम वस्त्र, काले कपड़े, जूते दान करने का विशेष महत्व है। वहीं जिन जातकों की कुंडली में चंद्रमा नीच का है, उन्हें दूध, चावल, खीर, मिश्री, बताशा दान करने में विशेष फल की प्राप्ति होगी।