पटना : माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है। हिंदू मान्यताओं में इसे सबसे अहम अमावस्या माना जाता है और इस दिन स्नान—दान और तर्पण तथा पूजन से जातकों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस बार मौनी अमावस्या मंगलवार को है। अमावस्या तिथि सोमवार को दोपहर 1:15 बजे से ही शुरू हो जाएगी। लेकिन स्नान पर्व शुभ मुहूर्त उदया तिथि में मंगलवार की सुबह ब्रह्ममुहूर्त से शुरू होगा। मंगलवार सुबह 11: 16 बजे तक स्नान का मुहूर्त रहेगा। इस दौरान मौन रहकर स्नान-दान करने से पुण्य प्राप्ति होगी।
मौन रहकर पितरों को तर्पण करने की परंपरा
मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए उपाय किए जाते हैं। इस दिन पितरों का पिंडदान व तर्पण करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। जिन लोगों के शुभ कार्यों में बाधाएं आ रही होती हैं, उन्हें मुक्ति मिलती है। परिवार में सुख-शांति और खुशहाली आने लगती है।
मौनी अमावस्या पर ऐसे करें पितरों का पूजन
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए जातक पितरों का ध्यान लगाते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करें। वे एक लोटे में जल लें और उसमें लाल पुष्प और काले तिल मिलाएं। फिर पितरों की शांति की प्रार्थना करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करें। साथ ही पीपल के पेड़ पर सफेद रंग की मिठाई अर्पित करें और पेड़ की 108 बार परिक्रमा करें। इसके अलावा
मौनी अमावस्या के दिन जातक किसी गरीब या जरुरतमंद को तिल के लड्डू, कंबल, आंवला जैसी चीजों का दान भी कर सकते हैं।