मातृ व शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को किया जा रहा बेहतर, 21-22 में 2444 स्टाफ नर्सेज की हुई नियुक्ति- मंगल पांडेय
पटना : राज्य में शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग विभिन्न स्तर पर कार्य कर रहा है। एक तरफ मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से जुड़े स्वास्थ्य कार्यक्रमों के बेहतर क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ सुरक्षित मातृत्व के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मानव संसाधनों की कमी को दूर किया जा रहा है। साथ ही प्रसव कक्ष एवं मातृ-ऑपरेशन थिएटर की गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य प्रबंधन में स्टाफ नर्सेज, एएनएम, समुदायिक हेल्थ ऑफिसर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य भर में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2444 स्टाफ नर्सेज एवं 865 एएनएम की नियुक्ति की गई। इस दौरान 1537 सामुदायिक हेल्थ ऑफिसर की भी नियुक्ति हुई। विभाग का पूरा प्रयास है कि मानव संसाधनों की कमी को दूर कर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को सुदृढ़ किया जाए।
पांडेय ने कहा कि सुरक्षित प्रसव के लिए प्रसव कक्ष एवं मातृ-ऑपरेशन थिएटर की गुणवत्ता सुनिश्चित कराना भी जरुरी है। इसके लिए राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में लेबर रूम एवं मातृ-ऑपरेशन थिएटर को लक्ष्य प्रमाणित किया जा रहा है। लक्ष्य कार्यक्रम के तहत लेबर रूम एवं ऑपरेशन थिएटर को तय मानकों के आधार पर प्रमाणित किया जाता है।
राज्य में फ़िलहाल 39 फैसिलिटी राज्य स्तर से एवं 14 फैसिलिटी देश स्तर से लक्ष्य प्रमाणित है। राज्य के सुपौल, किशनगंज एवं मोतिहारी जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों को देश स्तर के लक्ष्य मूल्यांकन के लिए चयनित किया गया है। इसका मई के दूसरे सप्ताह में एनएचएसआरसी के द्वारा मूल्यांकन किया जाएगा। विभाग राज्य के अधिकतम प्रसव कक्ष एवं मातृ-ऑपरेशन थिएटर की गुणवत्ता बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है, ताकि सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा दिया जा सके।