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मसूद के भाई ने खोली पाक की पोल? 35 शव हटाए, आईएसआई एजेंट भी ढेर

नयी दिल्ली : भारतीय वायुसेना के 26 फरवरी को पाकिस्तान स्थित जैश के आतंकी बेसकैंप पर एयर स्ट्राइक के बाद पाक सेना की गलतबयानी की पोल खुलनी शुरू हो गई है। पाकिस्तान की पोल खुद जैश सरगना मसूद अजहर के भाई अम्मार और वहां के चश्मदीदों ने खोली है। पाकिस्तान के बालाकोट में जिस स्थान पर भारत ने लेजर गाइडेड बमों से आतंकी ठिकानों पर हमला किया था, वहां मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने एएफपी और बीबीसी से बताया कि एयर स्ट्राइक के कई घंटे बाद एंबुलेंस से 35 शवों को वहां से बाहर ले जाया गया। उनके मुताबिक हमले में दर्जनभर आतंकियों समेत पूर्व आईएसआई एजेंट भी मारे गए। रोम के एक पत्रकार ने सबसे पहले वहां के स्थानीय लोगों से हमले के बारे में तहकीकात की थी। उसने चश्मदीदों से एन्क्रिप्टेड कम्युनिकेशन सिस्टम से संपर्क किया था। विदेशी मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि एक चश्मदीदों के मुताबिक भारतीय विमानों की बमबारी के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन घटनास्थल पर आ गया। लेकिन उस इलाके को सेना ने पहले ही कब्जे में ले लिया था। पुलिस को भी इलाके में नहीं जाने दिया गया। एंबुलेंस पर मौजूद मेडिकल स्टाफ से सेना ने फोन भी ले लिए थे।

आईएसआई के कर्नल सलीम व कर्नल जफर भी आये चपेट में

मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि उस इलाके में बमबारी से कर्नल सलीम के नाम से पहचाने जाने वाले पूर्व आईएसआई अधिकारी की भी मौत हुई थी। एक अन्य पूर्व आईएसआई अधिकारी कर्नल जफर जाकरी घायल हो गए थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने यह भी बताया कि एक अस्थायी लकड़ी के बने घर में रह रहे 12 आतंकवादियों की मौत हुई। ये सभी जैश-ए-मोहम्मद में भर्ती हुए थे और फिदायीन ट्रेनिंग ले रहे थे। बमबारी में यह तबाह हो गया। इस हमले में कर्नल सलीम मारा गया, जबकि कर्नल जरार जकरी घायल हुआ। दोनों ही पूर्व आईएसआई अधिकारी रहे हैं। यही हाल जैश-ए-मोहम्मद के मुफ्ती मोइन और उस्मान गनी का हुआ। मोइन आतंकियों को प्रशिक्षण देता था जबकि गनी विस्फोट विशेषज्ञ था। इस हमले में दोनों आतंकी भी मारे गए। कुछ का कहना था कि जैश-ए-मोहम्मद के 12 आतंकी लकड़ी से बने मकान में ट्रेनिंग ले रहे थे। सभी इस हवाई हमले में मारे गए।

मसूद अजहर के भाई ने कबूली नुकसान की बात

पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने को भारत के हवाई हमले से भारी नुकसान पहुंचा है। ये बात खुद जैश सरगना मसूद अजहर के छोटे भाई मौलाना अम्मार ने स्वीकार की है। उसका एक ऑडियो मैसेज सामने आया है जिसमें वो भारतीय वायु सेना के हमले से हुए नुकसान का रोना रो रहा है। इससे साफ हो जाता है कि पाकिस्तान जो दावा कर रहा है वह गलत है। पाकिस्तान का कहना है कि भारतीय वायु सेना की कार्रवाई से बालाकोट में पेड़ों के अलावा और कोई नुकसान नहीं हुआ है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक दिन पहले ही ये बात स्वीकार की है कि आतंकी मसूद पाकिस्तान में ही रह रहा है। मसूद का भाई अम्मार जैश की जिहादी गतिविधियों का हिस्सा है। वह बालाकोट में आतंकी प्रशिक्षण की देखरेख करता था। बालाकोट कैंप के अलावा कई अन्य कैंपों में भी वो कश्मीर के नाम पर युवाओं में नफरत भरने का काम करता है।

भारत के पास है जैश सरगना के भाई का आडियो

अधिकारियों का कहना है कि ये ऑडियो एक पाकिस्तानी पत्रकार द्वारा ट्वीट किया गया, जो फ्रांस में रहता है। इस ऑडियो को बाद में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सत्यापित भी किया। इस ऑडियो में अम्मार कह रहा है, ‘दुश्मनों ने इस्लामिक देश में प्रवेश करने के लिए सीमा को पार कर युद्ध की घोषणा की है और मुस्लिम स्कूलों पर बम गिराए हैं। तो, अपने हथियार उठाओ और उन्हें दिखा दो कि जिहाद अभी भी एक कर्तव्य है।’ अधिकारियों का मानना है कि ये ऑडियो बालाकोट पर हुए हवाई हमले के दो दिनों बाद का है और इसमें अम्मार आतंकियों का पेशावर स्थित ‘मदरसा सनान बिन सलमा’ में संबोधन कर रहा है। अम्मार ऑडियो में कह रहा है, “मैं आपको याद दिला दूं कि भारत के लड़ाकू विमानों ने किसी भी एजेंसी के सुरक्षित घरों पर बम नहीं गिराए, उसने किसी मुख्यालय को निशाना नहीं बनाया, उसने जैश-ए-मोहम्मद के मीटिंग पॉइंट पर भी हमला नहीं किया, उसने उन स्कूलों पर हमला किया है जहां छात्र जिहाद को बेहतर तरीके से समझने के लिए प्रशिक्षित किए जाते हैं और जुल्म सहने वाले कश्मीरियों की मदद की कसम खाते हैं। हमारे क्षेत्र में प्रवेश कर और हमारे स्कूलों को निशाना बना, भारत ने उनके खिलाफ जिहाद सुनिश्चित किया है।” एक भारतीय सैन्य अधिकारी का कहना है कि इस ऑडियो मैसेज से ये साफ है कि भारतीय वायु सेना के हवाई हमले से आतंकी ठिकानों को भारी नुकसान हुआ है।