पटना : बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति से लेकर वित्तीय लेन-देन की प्रक्रिया विवादों में रही है। इस विवाद की आंच राजभवन तक पहुँची है और इसके शिकायत पीएम मोदी तक की गई है। लम्बे समय से इस संबंध में हो रही कार्रवाई की मांग का असर अब दिखने लगा है।
इसी कड़ी में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद के ऊपर निगरानी की स्पेशल विजिलेंस यूनिट ने नकेल कसी है। कुलपति राजेंद्र प्रसाद के कई ठिकानों पर तलाशी अभियान जारी है। कुलपति राजेंद्र प्रसाद के सरकारी आवास समेत अन्य ठिकानों पर अलग-अलग टीमें छापेमारी कर रही हैं। निगरानी विभाग ने मगध विश्वविद्यालय के कुलपति राजेंद्र प्रसाद सिंह के साथ-साथ उनके निजी सचिव सुबोध कुमार, एक प्रिंटिंग वेंचर के मालिक और वीर कुंवर सिंह यूनिवर्सिटी के फाइनेंशियल ऑफिसर ओमप्रकाश सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। विजिलेंस की तरफ से जो केस दर्ज किया गया है, उसमें इन लोगों पर कई आरोप हैं और अब इनके ठिकानों पर छापेमारी चल रही है।
क्या है आरोप
मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद यह आरोप है कि उन्होंने बिना निविदा के ओएमआर शीट व प्रश्न संबंधी कार्य के लिए एक कंपनी ‘इंफोलिंक कंसल्टेंसी सर्विसेज प्रा. लिमिटेड’ को 16 करोड़ रुपए का अनियमित भुगतान कराया, जबकि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि सभी खरीद जेम पोर्टल से होगा। इस कंपनी का संबंध कुलाधिपति फागू चौहान के पुत्र रामविलास चौहान से है।
जब इस भुगतान को लेकर मगध विवि के कुलसचिव डॉ. विजय कुमार और वित्त परामर्शी मधुसूदन ने विरोध किया, तो तत्काल उन दोनों का ट्रांसफर कर दिया गया था। 5 मार्च 2021 को इन दोनों को कुलपति ने बुलाकर 16 करोड़ वाले फाइल को निपटाने को कहा था। इनकार करने पर अपशब्द कहा और हटाने की धमकी दी थी। इसके बाद कुलसचिव ने राजभवन के प्रधान सचिव व शिक्षा सचिव को पत्र लिखा था। उस समय तक कुलपति पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? इस पर जानकारों का कहना है कि मगध विवि के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद की पहुंच कुलाधिपति तक है। यह भी गौर करने वाली बात है कि कुलाधिपति व मगध विवि के कुलपति दोनों यूपी के पूर्वांचल क्षेत्र के रहने वाले हैं।
पाटलिपुत्र विवि के कुलसचिव जितेंद्र कुमार पर भी FIR दर्ज की गई है। जितेंद्र कुमार को लेकर यह कहा जाता है कि कुलपतियों के अलावा कुलसचिवों पर भी अतिरिक्त काम लादना कुलाधिपति की कार्यशैली है। जैसे पाटलिपुत्र विवि के कुलसचिव जितेंद्र कुमार पर एक साथ ही पटना विवि एवं मगध विवि के कुलसचिव का प्रभार दिया गया है। सवाल यह उठता है कि करीब सवा सौ कॉलेजों वाले पाटलिपुत्र विवि स्वयं इतना बड़ा है, तो उसके कुलसचिव को पटना विवि एवं मगध विवि का प्रभार क्यों दिया गया था?
बिहार के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पर गंभीर आरोप, पीएम मोदी के पास पहुंची शिकायत
इन आरोपों से सम्बंधित खबर सबसे पहले स्वत्व ने 26 जून 2021 को चलाई थी। इसके बाद अन्य मीडिया संस्थानों द्वारा उसकी कवरेज हुई। उसके बाद से ही सरकार पर इसकी जांच कराने को लेकर दवाब था। 17 नवंबर को हुई छापेमारी उसी दवाब का असर है।