पटना : बिहार में सत्तारूढ़ नीतीश कैबिनेट का कल यानी रविवार को विस्तार किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार मौजूदा सरकार में शामिल कुछ मंत्रियों के सांसद निर्वाचित हो जाने के बाद खाली हुए मंत्री पदों को भरने के लिए यह विस्तार किया जा रहा है। कल दिन के 11 बजे नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी।
भाजपा के 2 और लोजपा के 1 सदस्य समेत 11 नए मंत्री
सूचना है कि हाल ही में रालोसपा से जदयू में शामिल हुए ललन पासवान, अशोक चौधरी, जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार और रंजू गीता को नीतीश सरकार में मंत्रीपद दिये जाने पर मुहर लगी है। सूत्रों के अनुसार कुल 11 नए मंत्री बनाए जायेंगे। इसमें भाजपा के भी दो लोगों को जगह दिये जाने की बात कही जा रही है। लेकिन फिलहाल ऊपर वर्णित चार लोगों के नाम का ही खुलासा हुआ है। इन सभी मंत्रियों को कल 11 बजे दिन में शपथ दिलाई जाएगी।
ललन, अशोक चौ., निरज कु. व रंजू गीता को मंत्रीपद
मंत्रीपद पाने वाले जिन नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, उनमें दो दलित, एक भूमिहार और एक कुशवाहा जाति से आते हैं। भाजपा के दो और लोजपा के नामों का खुलासा नहीं हुआ है। स्पष्ट है कि अगले वर्ष के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जदयू अध्यक्ष और सीएम नीतीश कुमार ने मंत्री पद देने में भी सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ख्याल रखा है। उनका पूरा ध्यान दलित और कुशवाहा वोट बैंक को इंटैक्ट रखने पर है।
नीतीश के सामने विस चुनाव की चुनौती
इधर केंद्रीय मंत्रिमंडल से जदयू के गायब रहने और नीतीश कुमार के दिल्ली से पटना लौटने के बाद दिये बयान के बाद भाजपा में भी इस मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर खुसर—पुसर शुरू हो गई है। भाजपा का एक धड़ा दबी जुबान से अपने दम पर विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल कर लेने और अकेले चुनाव लड़ने की लाइन पर भी सोचने लगा है। आने वाले समय में नीतीश एनडीए को लेकर बिहार में कितना लचीला होते हैं, यह देखने वाली बात होगी। वैसे भी बदली परिस्थितियों में नीतीश के लिए कहीं भी एडजस्ट करना आसान नहीं, क्योंकि वे जिस मिजाज में पहले हनक के साथ राज्य का शासन और गठबंधन की राजनीति करते रहे हैं, वह अब उनके लिए असंभव होता दिख रहा है।