मांझी के लिए ‘मसूद साहब’ और गिरिराज—प्रज्ञा आतंकी क्यों?

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पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी भी भाजपा विरोध के चक्कर में देश विरोधियों के साथ हो गए हैं। उन्होंने आज जहां जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित मसूद अजहर को ‘साहब’ कहकर संबोधित किया, वहीं भाजपा नेताओं गिरिराज सिंह और प्रज्ञा ठाकुर को भाषायी आतंकी कह दिया। उन्होंने कहा कि गंदी भाषा बोल समाज में आतंक फैला रहें हैं गिरिराज और प्रज्ञा ठाकुर। मांझी ने कहा कि हमने बचपन में पढ़ा था कि ‘ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोये औरन को शीतल करे आप भी शीतल होये, अगर इस पंक्ति से भाषा को सोंचते हैं तो उसके आधार पर प्रज्ञा ठाकुर और गिरिराज सिंह जो बोलते हैं तो उसे भाषाई आतंक कहा जा सकता है।

मांझी ने पटना में संवाददाताओं से मसूद अजहर के मुद्दे पर कहा कि प्रत्येक मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की श्रेय लेने की रणनीति उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हर बात पर ‘ब्रांडिंग’ करते हैं, यह गलत है। मनमोहन सिंह के समय से ही मसूद अजहर साहब को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के लिए प्रयास किया जा रहा था, दबाव बनाया जा रहा था।
मांझी ने तर्क देते हुए कहा कि पेड़ लगाया जाता है तो वह शुरू में पौधा होता है और बड़ा होकर फल देने लगता है। जब पेड़ फल देने लगे तो यह कहना कि यह हमारा फल है, उचित नहीं है। यह भी सोचना चाहिए कि पौधा किसने लगाया था।

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उधर मांझी द्वारा अजहर को ‘साहब’ कहने पर बिहार की सियासत गर्म हो गई है। भाजपा ने इसके लिए मांझी से जवाब मांगा है। स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा नेता मंगल पांडेय ने ट्वीट कर कहा कि जीतन राम मांझी ने मसूद अजहर को साहब कहकर फिर ये साबित कर दिया है कि कांग्रेस और उनके सहयोगी दल आतंकवादियों के प्रति विशेष सम्मान और आदर का भाव रखते हैं।

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